26 राफेल का नौसिक अवतार..सभी टैरिफ वॉर में लगे थे, इधर भारत ने फ्रांस के साथ कर ली बड़ी डील

देश की सुरक्षा में एक और बड़ा इजाफा हुआ है। फ्रांस से 26 राफेल एम जेट भारत खरीदने वाला है। नौसेना के लिए ये 26 राफेल खरीदे जाएंगे और इसके तहत 63 हजार करोड़ की डील को मंजूरी मिली है। राफेल एम इस फाइटर जेट का नेवल वर्जन है। 22 सिंगल सीटर और 4 ट्यून सीटर राफेल एम जेट विमान की खरीद को मंजूरी मिली है। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना लगातार ऐसे फाइटर एयरक्राफ्ट को तलाश रही थी जिससे वो अपने मिग-29 एयरक्रॉफ्ट को  बदल सके। हमारे दो एयर क्रॉफ्ट करियर पर डिप्लाय किया जा सके। यही वजह है कि राफेल को लेकर लगातार कहा जा रहा था कि बातचीत पूरी हो चुकी है। कहा जा रहा था कि जब फ्रांस के रक्षा मंत्री पहुंचेंगे तब ये डील लॉक कर दी जाएगी और इसे एनाउंस कर दिया गया।

राफेल फ्रेंच भाषा का शब्द है इसका शाब्दिक अर्थ है हवा का तेज झोंका। लेकिन चीन के लिए और वहां के राष्ट्रपति के लिए इसका अर्थ है मुसीबत का तेज झोंका और पाकिस्तान व उसके वजीर-ए-आला के लिए इसका अर्थ है डर का तेज झोंका। दिलचस्प बात ये है कि इस डील के लिए उसने अमेरिकी जेट एफए 19 सुपर हार्नेट को रिजेक्ट किया है। राफेल एम के सौदे को भारत और फ्रांस के संबंधों में मील का पत्थर करार दिया जा रहा है। रक्षा सूत्रों की मानें तो भारतीय नौसेना 26 राफेल एम विमानों के लिए फ्रांस के साथ 63 हजार करोड़ की डील हुई।

भारतीय नौसेना का मानना ​​है कि राफेल उसकी जरूरतों को काफी बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है। भारतीय नौसेना 43 पुराने रूसी फाइटर जेट मिग-29K और मिग-29KUB को अपने बेड़े से हटाना चाहती है। नौसेना के दिमाग में कई विमानों के नाम थे लेकिन अंतिम रेस राफेल एम और एफ-18 के बीच थी। फ्रांसीसी नौसेना के पास वर्तमान में 240 राफेल एम जेट हैं। डसॉल्ट ने इन जेट्स का निर्माण वर्ष 1986 से शुरू किया था। दोनों जेट पहले से ही उन्नत विमान वाहक पर तैनात हैं। ऐसे में दोनों जेट CATOBARs सिस्टम से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए फिट हैं। भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में एक नया विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और एक पुराना आईएनएस विक्रमादित्य है।

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