21 पौधे तुलसी लगाकर मनाया 5 वां जन्मदिन, सेलेब्रेशन का अनूठा अंदाज़ आमजन के लिए बना प्रेरणा

जन्मदिन पर पौधा लगाकर पर्यावरण को बचाने की अपील

इस अवसर पर सदस्यों ने स्वच्छ ऋषिकेश, हरित ऋषिकेश का संकल्प लिया

पर्यावरण बचाए बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं- भगवती रतूड़ी

ऋषिकेश 25 मई ।ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती की महिलाओं तुलसी के पौधे गिफ्ट कर शान्ति सिहं के पुत्र अहान राव सिकरवार का 5 वां जन्मदिन गंगा स्थल में हरित जन्मदिन के रूप में मनाया।
जन्मदिन को हम में से ज़्यादातर लोग या तो होटल-रेस्टोरेंट में पार्टी करके सेलेब्रेट करते हैं, या घर पर फैमिली गेट-टुगेदर करके इसे मनाते हैं। लेकिन ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की महिलाओं ने ख़ास दिन को ऐसे अंदाज़ से मनाने की सोची जो इस प्रकृति के लिए किसी रिटर्न गिफ्ट की तरह हो।

पौधा लगाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी नियमित देखभाल भी जरूरी है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के कार्यकर्ता पौधा लगाने के बाद दो वर्ष तक उसका जन्मदिन भी मनायेंगे। इससे पौधा लगाने वाले का पौधे से लगाव बढ़ता है और उसकी नियमित देखभाल भी होती है। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने अपने घर को फाइव स्टार हरित घर बनाने का संकल्प भी लिया।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवती रतूड़ी ने कहा कि पर्यावरण बचाए बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जन जन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य है। हर किसी को चाहिए कि जन्मदिन पर पौधरोपण कर हरित जन्मदिन मनाने की अपील की।

सुशीला सेमवाल ने कहा पर्यावरणके संरक्षण को लेकर लोगों में अब जागरूकता आने लगी है। इसके तहत अब बच्चों के जन्मदिन पर लोगों ने पौधरोपण करने का बीड़ा उठाया है ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की महिलाएं धन्यवाद के पात्र हैं।

डॉ ज्योति शर्मा ने कहा मनुष्य को थोड़ी देर ऑक्सीजन देने वाले डॉक्टर को हम पैसे देकर भगवान मानते हैं, लेकिन जीवनभर मुफ्त ऑक्सीजन देने वाले पेड़-पौधों की कद्र नहीं करते हैं।

इस दौरान आचार्य अभिनव पोखरियाल डायरेक्टर नमामि गंगे स्पिरिचुअल ने भी पेड़-पौधों का महत्व के बारे में बताया।

इस अवसर पर सदस्यों ने स्वच्छ ऋषिकेश, हरित ऋषिकेश का संकल्प लिया।

इस मौके पर डॉ. ज्योति शर्मा, शान्ति सिहं, सुशीला सेमवाल, आचार्य अभिनव पोखरियाल डायरेक्टर नमामि गंगे स्पिरिचुअल, हरिओम शर्मा ज्ञानी जी, सहित अन्य मौजूद थे।

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