हो गया युद्ध का ऐलान? ईरान की मुख्य मस्जिद पर फहराए गए लाल झंडे का क्या मतलब है

हमास के चीफ के लिए ईरान से ज्यादा सुरक्षित जगह पूरी दुनिया में और कोई हो ही नहीं सकती थी। लेकिन फिर भी उसके लिए सेफ हेवन कहे जाने वाली जगह पर हानिया की मौत हो गई। ईरान की धरती पर हुए इस अटैक के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि तेहरान की तरफ से पलटवार किया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में ईरान ने कहा कि इजरायल को इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अब खबर है कि तेहरान से 120 किलोमीटर दक्षिण में एक ईरानी शहर क़ोम में जामकरन मस्जिद के मुख्य गुंबद के ऊपर एक लाल झंडा फहराया गया। माना जा रहा है कि ईरान ने इजरायल के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है और ये लाल झंडा बदला लेने का संकेत है।

ये हमला ईरान की राजधानी तेहरान में पूरा गया। इस्माइल हानिया को उसके बॉर्डीगार्ड समेत मौत के घाट उतार दिया गया। इस हमले के बाद तेहरान में सुरक्षा सख्त कर दी गई हैईरान की सर्वोच्य सुरक्षा परिषद ने हानिया की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार बताया है। इस बैठक में कुद्स फोर्स के चीफ भी मौजूद थे। इस बैठक में हमले के बदले का संकल्प लिया गया। अपने राजनीतिक चीफ की मौत पर हमास के पोलिटिकल ब्यूरो के एक सदस्य मोउसा अबू मरजूक ने कहा कि हानिया की मौत की बदला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस्माइल हानिया की ‘कायरतापूर्ण’ हत्या का जवाब दिया जाएगा।

जामकरन मस्जिद क़ोम के एक उपनगर में स्थित है, जो एक पवित्र शिया शहर और ईरान का मुख्य धर्मशास्त्र शिक्षा केंद्र है। 1989 में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सत्ता में आने के बाद इस्लामी गणतंत्र ईरान में मस्जिद को आधिकारिक महत्व मिल गया। मस्जिद की वेबसाइट के अनुसार, सुलेमानी उस स्थल से जुड़े हुए थे और अक्सर इबादत करने के लिए वहां जाते थे।जामकरन मस्जिद का पिछले 30 वर्षों में काफी विस्तार किया गया। अब इसमें पांच गुंबद हैं, जो शिया इस्लाम में व्यावहारिक रूप से अस्तित्वहीन है, जहां मस्जिदों में आमतौर पर केवल एक ही होता है। 2020 में जब यहां के गुंबद पर लाल रंग का झंडा फहराया गया तो दुनिया सहम गई थी। ये वो वक्त था जब ईरान का टॉप कमांडर जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका से बदला लेने का ऐलान कर दिया था।

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