ना देखा मैने राम को
ना देखा मैंने श्याम को
ना देखा वीर बजरंगी को
ना देखा किसी भगवान को
पर सच्ची आश्था हैं मन में
की ये सभी मेरे भगवान हैं,,,,,2
पर इनसे पहले मैं उन्हें
नमन करता हु जो शरहद
पर खड़े वीर जवान हैं,
वो हर भारती की रच्छा
करते है इशलिये वो मेरे लिए भगवान हैं, वो शरहद पर डटे हुवे हैं, इशलिये सुखी देश के हर इन्सान हैं,,,,,,2
वो हर एक घर मन्दिर हैं
जिस घर से वो वीर सपूत आते है,
छोड़ कर घर गांव शहर अपना
वो पूरे देश को अपना घर बनाते है,
मा भारती की आन शान में वो
हँसते हँसते अपने प्राण लुटाते हैं, ,,,,,2
औरो से अलग वो होते है
वो चैन से कभी नही सोते है,
वो अपने सपनो का त्याग करें
माँ भारती के सपनो को पिरोते हैं,
क्या ठंडी क्या गर्मी क्या वर्षा ऋतु
या चले बर्फीली हवा तूफानी ,वो
एक पल के लिए भी नही डिगते हैं, वो सरहद पर डटे रहते है भारत माता की जय कहते है,,,2
उस माँ की कोख भी धन्य हुई जिस कोख से उन्हों ने वीर जवान को जन्म दिया,
वो पिता बड़ा बड़ भागी हैं, जिसने देश को ऐसा शेर दिया,
देश की रच्छा के खातिर जो अपनी सन्तानो को कुर्बान करे
आवो हम सब मिलकर के उस मात पिता के चरणों मे नमन सत सत बार करे,,,,,,,2