प्रयागराज।हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी चुनाव के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण मतदान हुआ। दिन भर चले मतदान में वकीलों ने उत्साह से भागीदारी की, नतीजतन लगभग 80 प्रतिशत वोट पड़े। कुल 10,705 मतदाताओं में से 8,531 ने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान के कारण वकीलों का रोजाना का कामकाज भी फीका रहा। चुनाव की मतगणना 22 फरवरी को होगी।
मतदान की प्रक्रिया निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से शुरू हुई। पहले घंटे में मतदान सामान्य रहा लेकिन उसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ताओं व महिलाओं के अलावा अन्य 18 बूथों में कतारें लगने लगीं। भोजनावकाश के दौरान सभी बूथों पर कतारें लगी रहीं। दोपहर में दो से ढाई बजे तक लंच के कारण मतदान बंद रहा। इस कारण वकीलों को इंतजार करना पड़ा। कुछ चैंबर लौट गए। उसके बाद बूथों के दरवाजे खुले तो मतदान की गति काफी तेज हो गई। शाम साढ़े पांच बजे मुख्य चुनाव संचालक वशिष्ठ तिवारी ने बताया कि दिनभर में कुल 9238 मतपत्र जारी किए गए, जिनमें से 705 लौट आए और दो त्रूटिपूर्ण होने के कारण रद्द किए गए। इस प्रकार कुल 8531 वकीलों ने मतदान किया।
किसी भी बूथ पर मतदान की व्यवस्था के कारण बूथों पर कतारें तो लगीं लेकिन ज्यादा लंबी नहीं हो सकीं। अंदर भी वोटर ज्यादा दिखे तो मतदान की व्यवस्था में नियुक्त वकीलों ने उन्हें अंदरही अंदर दूसरे बूथ पर शिफ्ट कर दिया। बीच बीच में कुछ बूथों के कम्प्यूटर बंद हुए लेकिन इसके लिए अलग टीम थी, जो तुरंत गड़बड़ी सुधारकर उन्हें चालू कर रही थी। इस बीच उस बूथ के वोटर अंदर से दूसरे बूथ में जाकर मतदान करते रहे। मतदान करने के बाद वकील पीछे के रास्ते से बाहर निकल गए। मतदान पंडाल के भीतर प्रचार पूरी तरह प्रतिबंधित था लेकिन इसके बाद भी कुछ लोगों ने वोट देने आ रहे वकीलों से अपने प्रत्याशियों का प्रचार किया। हालांकि जैसे ही इसकी सूचना मिली या किसी प्रत्याशी ने आकर शिकायत की तो एल्डर कमेटी के चेयरमैन वीसी मिश्र, सदस्य टीपी सिंह, मुख्य चुनाव संचालक वशिष्ठ तिवारी, व्यवस्था में लगे कमरुल हसन सिद्दीकी, महासचिव जेबी सिंह, उपाध्यक्ष अजीत यादव, संयुक्त सचिव प्रशासन प्रियदर्शी त्रिपाठी, पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन अभिषेक सिंह चैहान, पूर्व शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण शुक्ला ने प्रचार के लिए संबंधित वकील को वहां से हटाकर बाहर कर दिया। इस कार्रवाई के घेरे में वर्तमान कार्यकारिणी के भी दो-तीन आए।
मतदान को लेकर हाईकोर्ट के आसपास के सभी रास्तों पर प्रचार के कारण गहमागहमी रही। पोलो ग्राउंड चैराहा, पानी टंकी चैराहा, न्यायविद हनुमान मंदिर चैराहा से मतदान स्थल तक प्रत्याशियों के समर्थक प्रचार करते और वोट मांगते रहे। इस कार्य में वकीलों के अलावा प्रत्याशियों के परिवारवाले भी शामिल हुए तो कई के मुंशियों व मुवक्किलों ने भी प्रचार की कमान संभाली। कुछ प्रत्याशियों के लिए युवा समर्थक छात्रसंघ चुनावों की तरह हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए प्रचार में जुटे रहे। प्रत्याशियों को चुनाव में प्रचार के लिए मोबाइल काफी सहायक साबित हुआ। चुनाव की घोषणा के पहले से ही प्रत्याशी प्रचार में इसकी सहायता लेते रहे। वकीलों के ग्रुपों में वाट्सऐप मैसेज से प्रचार हुआ तो व्यक्तिगत नंबर पर टेक्स्ट मैसेज भी भेजे गए। बुधवार को सुबह वकीलों के मोबाइल पर वाट्सऐप व टेक्स्ट मैसेज से मतदान अवश्य करने के आग्रह हुए। बाद में यह क्रम दिनभर चला। कई प्रत्याशी दिनभर मैसेज भेजकर बताते रहे कि मतदान में कितनी देर बाकी है, कृपया मताधिकार का प्रयोग अवश्य कर लें। वोट देने आ रहे मतदाताओं की प्रत्याशियों के पंडालों में जमकर आवभगत हुई। अधिकतर पंडालों में पूड़ी-सब्जी के पैकेट व चाय की व्यवस्था की गई थी। कुछ में मतदाताओं को फ्रूट सलाद, समोसा, मिठाई और जूस भी परोसा गया। कुछ वोटर ऐसे भी रहे, जिन्होंने मतदान के पहले एक से दूसरे प्रत्याशी के यहां खाया-पीया और जब छक गए तो वोट देने निकल लिए। हालांकि कई वोटर शाम को प्रत्याशियों के पंडालों में चाय नाश्ता तलाशते रहे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।