डॉ. आयुष शर्मा
संस्थापक और निदेशक
लेजर स्पाइन क्लिनिक,पटना, बिहार
आजकल, अधिकतर लोगों विशेषत: युवाओं में डिस्क कमर दर्द की शिकायत एक आम बात हो गई है जिसका मुख्य कारण आजकल की अनियमित दिनचर्या है। आगे झुकने से, वजन उठाने से, झटका लगने से, गलत तरीके से उठने-बैठने व सोने से, व्यायाम के अभाव से एवं पेट आगे निकलने के कारण है। कुछ लोगों की शारीरिक बनावट ऐसी होती है कि वे स्लिप्ड डिस्क का श्किार हो जाते हैं। जो लोग रोज व्यायाम नही करते। वे इस दर्द के ज्यादा शिकार होते है। रक्त के थक्कों का जमाव, ट्यूमर और फोड़ा एबसेसस प्रमुख रूप से साइटिका को पनपने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
अब मिनीमली इन्सवेंसिव स्पाइन सर्जरी के आ जाने से स्लिप्ड डिस्क के इलाज में एक क्रांति आ गई है। अब नसों पर से डिस्क का दबाव हटाना बहेद आसान व प्रभावशाली हो गया है। मिनिमली इंवेसिव स्पाइन सर्जरी को ‘कीहोल सर्जरी’ के नाम से भी जाना जाता है जिसमें कि डिस्क को बिना नसों के आस-पास जाए हुए बाहर से बाहर ही निकाला जा सकता है, जिसके फलस्वरूप नसों के कटने या उनसे संबंधित जटिलताएं होने की संभावना बहुत कम हो जाती हैं। एक पतली दूरबीन जैसे एक यंत्र जिसे ‘एंडोस्कोप’ कहा जाता है इस्तेमाल की जाती है जो कि एक छोटे से चीरे के द्वारा अंदर डाली जाती है। एंडोस्कोप एक छोटे विडियो कैमरे से जुड़ा होता है जो कि मरीज के शरीर के अंदर की सभी गतिविधियों को ऑपरेशन के कमरे में रखे टीवी की स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाती है।
स्लिप्ड डिस्क का रोग कमर के अलावा गर्दन में भी हो सकता है, जिसके कारण गर्दन से लेकर एक या दोनों हाथों में दर्द के साथ-साथ सुन्न या कमजोरी का एहसास हो सकता है। स्लिप्ड डिस्क की बीमारी में दरअसल होता यह है कि डिस्क के बीच का पदार्थ निकल कर पीछे से बाहर आ जाता है और नसों को दबाने लगता है, जिसके कारण ये दर्द नसों के साथ-साथ कमर से पैरों तक या गर्दन से हाथ तक जाता है। मिनिमली इंवेसिव स्पाइन सर्जरी अधिक सुरक्षित है व ठीक होने में भी कम समय लेती है। इसमें ऑपरेशन के बाद जटिलताएं अर्थात किसी प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होने के कम अवसर होते हैं। दूसरा,मिनिमली इंवेसिव स्पाइन सर्जरी में सर्जन द्वारा स्पाइन को प्रवेश करने की इज्जाजत देने के लिए अनुक्रमत्व विस्तार द्वारा मरीज की पीठ की मांसपेशियों के जरिए एक नली बनाई जाती है। इससे मिनिमल कोशिका नष्ट हो जाती है व इस से दर्द भी कम हो जाता है। मिनिमली इंवेसिव स्पाइन सर्जरी में ऑपरेशन के निशान (ऑपरेटिव स्कार) एक या अधिक छोटे-छोटे निशान जिन का माप एक इंच तक होता है। यदि डाक्टर मरीज को अत्यधिक परम्परागत खुली अवधारणा को प्रमाणित करते है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इसको ठीक होने का समय बहुत लंबा या कष्ट दायक चलेगा। इसके लिए मरीज को उपलब्ध सभी शल्यक्रिया विकल्पों के बारें में स्वयं को शिक्षित करना चाहिए और अपने डाक्टर के साथ इन विकल्पों के बारें में चर्चा व विचार विर्मश करना चाहिउ और फिर उन्हें विश्वास दिलाए कि वह आप के लिए बेहतर विकल्प का चुनाव करेंगे जो आप की सुविधानुसाार प्रभाव दिखा सके। साधारणत: मरीज सर्जरी के बाद अगले ही दिन से अपने घर जा सकता है परंतु केवल अधिक आधुनिक प्रक्रिया के केस को छोडकर जिस में मरीज को तीन से चार दिनों तक अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है। इस के बाद 5 दिनों के अंदर मरीज अपनी रोजाना की क्रियाएं कर सकता है व 10 दिन बाद वह अपने कार्य पर फिर से वापस जा सकता है।