सूर्य दोष से मुक्ति के लिए वृषभ संक्रांति तक रोज करें इन मंत्रों का जाप

ज्योतिष पंचांग के अनुसार, 15 मई 2023 को सूर्य देव वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिसे वृषभ संक्रांति के नाम से भी जाना जाएगा। इस विशेष दिन पर सूर्य देव की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होगी। लेकिन संक्रांति से पहले जिन लोगों की कुंडली में सूर्य दोष चल रहा है, उन्हें कुछ विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए। शास्त्रों में भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के कुछ विशेष मंत्र बताए गए हैं, जिनका पाठ करने से व्यक्ति को सूर्य दोष से जल्दी छुटकारा मिल जाता है। आइए पढ़ते हैं, सूर्य स्तोत्र जिसका पाठ वृषभ संक्रांति तक करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलेगा।

सूर्य स्तोत्र

प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यंरूपं हि मण्डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषी ।

सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यचिन्त्यरूपम् ।।1।।

प्रातर्नमामि तरणिं तनुवाऽमनोभि ब्रह्मेन्द्रपूर्वकसुरैनतमर्चितं च।

वृष्टि प्रमोचन विनिग्रह हेतुभूतं त्रैलोक्य पालनपरंत्रिगुणात्मकं च।।2।।

प्रातर्भजामि सवितारमनन्तशक्तिं पापौघशत्रुभयरोगहरं परं चं।

तं सर्वलोककनाकात्मककालमूर्ति गोकण्ठबंधन विमोचनमादिदेवम् ।।3।।

ॐ चित्रं देवानामुदगादनीकं चक्षुर्मित्रस्य वरुणस्याग्ने:।

आप्रा धावाप्रथिवी अन्तरिक्षं सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्र्व ।।4।।

सूर्यो देवीमुषसं रोचमानां मत्योन योषामभ्येति पश्र्वात् ।

यत्रा नरो देवयन्तो युगानि वितन्वते प्रति भद्राय भद्रम् ।।5।।

करें सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप

  • ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
  • ॐ सूर्याय नम: ।
  • ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

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