सीएम योगी ने 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का किया शुभारंभ, कहा- तिल का ताड़ बनाने वाले खुद कठघरे में

उत्तर प्रदेश में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान को समर्पित 180 दिन का महत्वपूर्ण अभियान ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार इसकी मनीटरिंग भी कर रहे हैं। इसी क्रम में सीएम योगी ने शुक्रवार को प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया। इन थानों में महिलाओं से संबंधित समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था होगी। तय समय सीमा के भीतर फाइनल रिपोर्ट भी लगेगी। महिला और बालिकाओं की समस्या के निदान व सुरक्षा के संबंध में अलग से महिला कांस्टेबल और कक्ष की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हेल्प डेस्क पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों से संवाद भी संवाद किया।

हाथरस कांड के बाद महिला अपराध के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तगड़ा पलटवार किया। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में बेहतर कार्रवाई का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि हफ्ते भर के अभियान में बहुत कुछ बदला है। कहा कि बीते दिनों कुछ घटनाओं को लेकर तिल का ताड़ बनाने वाले अब खुद कठघरे में हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना से ‘मिशन शक्ति’ अभियान को नई ऊर्जा मिली है। ‘मिशन शक्ति’ अभियान के शुरू हुए एक सप्ताह हो गए हैं। इन सात दिनों में समाज में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। सीएम योगी ने सरकार सभी बेटियों सुरक्षा और सम्मान प्रदान करेगी। इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वह उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभियान से जुड़े सभी विभागों की गतिविधियों व भावी कार्ययोजना की समीक्षा मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर से की जाए। कहा कि इस कार्यक्रम को व्यापक संदर्भों में लें। यह महिलाओं के प्रति लोगों की सोच और संस्कार बदलने वाला अभियान है। ऐसा तभी संभव होगा, जब अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ेंगे। किसी भी अभियान से जब शासनव प्रशासन के साथ समाज भी जुड़ता है, तो उसके नतीजे बेहतर होते हैं।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मिशन शक्ति को विस्तार भी दिया। कहा कि हर थाने में एक सीक्रेट रूम भी बनवाया जाए तथा महिला हेल्प डेस्क के पूरी तरह से पारदर्शी कक्ष सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस हों। जिनमें पीडि़त महिलाएं बिना किसी संकोच के महिला पुलिस अधिकारियों व कर्मियों से अपनी बात कह सकें। कहा कि महिला हेल्प डेस्क पर 1090, 181, 112,1076,1098 व 102 नंबर भी दर्ज किए जाएं। ताकि कोई महिला जरूरत पर मदद के लिए इन नंबरों पर काल कर सके।

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