सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने लखनऊ में क‍िया दीपोत्सव का उद्घाटन

बदमाशों और दंगाइयों को चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब गड़बड़ी फैलाने वाले अंजाम जानते हैं। मुख्यमंत्री ने साढ़े चार साल की सरकार में एक भी दंगा न होने का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दंगाइयों की तरह अब कोरोना भी डर गया है। कई देशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर लॉकडाउन तक लगाना पड़ा है। सात दिन चलने वाले गोमती तट के झूलेलाल वाटिका में विकास दीपोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने हर किसी को दीपावली की शुभकामनाएं देने के साथ ही विपक्षी दलों को भी निशाने पर लिया और कहा कि पूर्व की सरकारें गरीबों के प्रति उन्हें संवेदनहीन रहीं।मुख्यमंत्री ने केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं से जरूरतमंदों को मिले लाभ और उनकी संख्या बताने के साथ ही कहा कि पूर्व की सरकारें भी यह कर सकती थीं, जिन्होंने आजादी के बाद से शासन किया था लेकिन उन सरकारों ने गरीबों के उत्थान के बारे में सोचा ही नहीं और संवेदनहीन बने रहे। स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य के बीच अपना संबोधन कर रहे मुख्यमंत्री की इन बातों को सुनकर तालियां ही सुनाई दे रही थीं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से रेहड़ी वालों को समाज से जोडऩे का काम किया गया है। स्वनिधि योजना से लोन दे कर कोरोना माहमारी के बाद जीवन और जीविका बचाने का काम सरकार ने किया है। उन्हें सूदखोरों से बचने का मौका मिला और आज वह सरकारी लोन से फिर से अपनी जीविका चला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मेला में लगी दुकानों को देखा, जिसमे 15 सौ रेहड़ी वाले दुकान लगाए हैं और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है। मेले में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर अभियान का सच दिख रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ दुकानदारों को स्टाल भी दिए।कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल किशोर, उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक, महापौर संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे, कमिश्नर रंजन कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी भी मौजूद थे। विपक्षी दलों पर साधा निशाना मुख्यमंत्री ने किसी दल का नाम लिए ही कहा कि पहले अयोध्या जाने से लोग डरते थे। दीपावली और होली पर्व पर बधाई नहीं देते थे। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का नाम लेने से डरते थे। आज आस्था के साथ ही हर किसी का सम्मान हो रहा है।

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