सिद्ध और शिव योग में प्रदोष व्रत, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोषव्रत का व्रत रखा जाता है। इस बार रविवार पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। रवि प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व काफी है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को कल्याण का देवता माना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप करना लाभकारी साबित होगा। इसके साथ ही प्रदोष व्रत में काफी खास योग बन रहे हैं। भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति हमेशा सुखी रहता है और उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। जानिए रवि प्रदोष व्रत के दिन किन मंत्रों का जाप करना होगा लाभकारी।

रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 12 जून, रविवार को सुबह 03 बजकर 23 मिनट तक

ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन: 13 जून, सोमवार को सुबह 12 बजकर 26 मिनट तक

पूजा का शुभ मुहूर्त- रवि प्रदोष 12 जून को शाम 07 बजकर 19 से लेकर रात 09 बजकर 20 मिनट तक

शिव योग- 11 जून सुबह 08 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट तक

प्रदोष व्रत के दिन करें इन शिव मंत्रों का जाप

महामृत्युंजय मंत्र

भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना काफी लाभकारी है। इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु की डर समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही हर तरह के रोग, दोष और कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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