सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्रीजी के तैलचित्र का अनावरण किया

किसान और जवान की कोई जाति और धर्म नहीं: सिद्धार्थ नाथ सिंह

प्रयागराज। 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों का मनोबल परास्त, अमेरिका द्वारा टीएल 4 अनाज बंद करने की धमकी और दक्षिण भारत में हिंदी भाषा को लेकर मूवमेंट आदि विदेशी शक्तियां भारत को तोड़ने की साजिश रची थी। उसी समय जय जवान जय किसान का नारा देकर स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने पूरे भारत के किसानों और जवानों को जोड़कर मजबूत राष्ट्र की आधार रखा था।
उक्त विचार मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बार एसोसिएशन बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, उ.प्र, प्रयागराज के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के तैलचित्र के अनावरण अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा किसान खेतों में हल चलाता है तो कोई नहीं कहता किस जाति किस धर्म का है, सब कहते हैं किसान है। किसानों की कोई जाति धर्म नहीं होती। जवान सरहद पर खड़ा होकर देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देता है, तो कोई जाति और धर्म वहां नहीं होता। यही जय जवान जय किसान के नारे से प्रेरणा मिलती है। जहां कोई जात धर्म नहीं है, देश के लिए भारतवासियों के जवानों और किसानों ने समर्पित होकर एक राष्ट्र में पिरोया है।

इसके पूर्व राजस्व परिषद में बार एसोसिएशन में प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने शास्त्रीजी के तैलचित्र का अनावरण किया। इसी दौरान राजस्व परिषद के न्यायिक सदस्य गण एवं बार के पदाधिकारियों से औपचारिक भेंट हुई और बैठक कर राजस्व परिषद में कार्य के दौरान अधिवक्ताओं की कठिनाइयों आदि विषय पर चर्चा हुई। जिस पर एक ज्ञापन पत्र देकर अधिवक्ता कक्ष बनाने का आग्रह किया। मंत्री ने शासन को भेज कर पूरा सहयोग देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री बाल कृष्ण पाण्डेय, अध्यक्षता हर्ष नारायण शर्मा ने किया। इस मौके पर भास्कर गोविंल, सुनील श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, अनिल सिंह, मनीष पांडे, सी.बी धर दुबे, श्रवण दुबे, विपुल, सत्येंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, क्षमानाथ, विजय शंकर, रेखा सिंह, अचल सिंह, मनोज मिश्रा, सुधांशु पांडे, रमेश पुंडरीक, अशोक कुमार, श्रीमती गजाला आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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