प्रयागराज। महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने आज उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ साप्ताहिक संरक्षा बैठक की। झांसी, आगरा और प्रयागराज के मंडल रेल प्रबंधक वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए। महाप्रबंधक ने शुक्रवार को हेतमपुर स्टेशन पर उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस के दो एसी कोचों में आग लगने की घटना का संज्ञान लेते हुए, ऐसी घटनाओं को रोकने और घटना के बाद तात्कालिक प्रभावी कार्यवाई करने के लिए ट्रेनों और रेलवे प्रतिष्ठानों में उपलब्ध संरक्षा समाधानों की समीक्षा की। महाप्रबंधक ने पहले ही प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी एम.के. गुप्ता की अध्यक्षता में घटना की विस्तृत जांच के लिए कमेटी गठित की है।
पीसीएसओ ने घटना के बारे में बताते हुए घटना के रिस्पॉंस में रेलवे कर्मचारियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने इस घटना में प्रभावित ट्रेन के गार्ड, टीटीई और लोकोपायलट, बगल की लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के गार्ड, हेतमपुर स्टेशन के स्टेशन मास्टर और पॉइंटमैन और आरपीएफ के जवानों द्वारा की गई कार्यवाई के बारे में बताया।
महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने कहा कि ट्रेन संचालन में संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गहन आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है।
इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक और प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि, आग से बचाव के उपायों और प्रयासों पर ध्यान देने के लिए स्टेशनों और ट्रेनों की मिशन मोड में गहन जांच की जा रही है। इसमें कोचों में फायर एवं स्मोक डिटेक्शन सेंसर की भी जांच; आग के किसी भी संभावित मामले में की जाने प्रतिक्रिया के संबंध में कर्मचारियों के ज्ञान का परीक्षण ; गाड़ियों में कूड़ेदान के पास या अन्य जगहों पर कचरा जमा होने से रोकना; ट्रेन में किसी भी ज्वलनशील वस्तु को ले जाने वाले पर कड़ी नजर रखना और कोचों में वायरिंग की जांच करना आदि पहलू शामिल हैं।
इसके अलावा, वांछित स्थानों पर अग्निशामक यंत्रों की उपलब्धता, उनकी समाप्ति तिथि और उनके उपयोग का व्यावहारिक प्रदर्शन की भी व्यापक जाँच और समीक्षा की जा रही है।
महाप्रबंधक ने घटना की प्रतिक्रिया और बहाली के समय को कम करने के उद्देश्य से नियमित अंतराल पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
उपरोक्त के अलावा, साप्ताहिक समयपालन स्थित की भी समीक्षा के संबंध में प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक बिप्लव कुमार ने प्रस्तुतिकरण करते हुए चर्चा की। इस दौरान समयपालनता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का विश्लेषण किया गया, इसमें सुधारके लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।