सात से नौ जनवरी तक डॉ. कुमार विश्वास करेंगे राम रस धारा की अमृतवर्षा

महाकुंभ से पहले प्रभु श्री राघवेंद्र सरकार की महिमा, यश, कीर्ति एवं शौर्य का होगा गुणगान*
*कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी और पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी हैं कार्यक्रम के सूत्रधार*
प्रयागराज।
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन महाकुम्भ 2025 के ठीक पहले सनातन संस्कृति के शीर्षतम महापुरूष भगवान प्रभु श्री राम के जीवन महात्म्य के गुणगान के लिए संगम नगरी प्रयागराज में भारत स्काउट गाइड के सामने 8 चैथम लाइन में नन्दी सेवा संस्थान द्वारा दिनांक सात से नौ जनवरी तक प्रभु श्री राघवेंद्र सरकार की महिमा, यश, कीर्ति एवं शौर्य के गुणगान महोत्सव अपने-अपने राम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रख्यात कवि, रामरस धारा के मूर्धन्य मर्मज्ञ डॉ कुमार विश्वास जी प्रभु श्री राम के मर्यादा, शील, करूणा, पराक्रम, आदर्श से परिपूर्ण कृतित्व एवं जीवन चरित्र का यशोगान करेंगे।
प्रभु श्री राघवेंद्र सरकार की महिमा, यश, कीर्ति एवं शौर्य का गुणगान होगा।
पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने बताया कि “अपने अपने राम* में प्रभु श्री राम की महिमा का श्रवण करने के लिए प्रयागराज के प्रतिष्ठित न्यायमूर्तिगण, चिकित्सकों, बुद्धिजीवियों, अधिवक्ताओं के साथ ही, समाज सेवकों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
यह तीन दिवसीय महोत्सव प्रभु श्रीराम के जीवन के गाथाओं और उनके अद्वितीय योगदान का विस्तार से गुणगान करेगा। यह एक ऐसा पर्व होगा, जिसमें हम सबको भारतीय संस्कृति के महान प्रतीक श्रीराम के पुण्य स्मरण का अद्वितीय सौभाग्य मिलेगा। प्रभु श्रीराम की महिमा का गुणगान करते हुए यह आयोजन हमारे सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान और समर्पण का प्रतीक बनेगा।
कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि अतिथि एवं श्रोताओं के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने के लिए मंच से लेकर पंडाल को भव्य एवं दिव्य स्वरूप दिया गया है। सभी के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ ही उनकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। व्यवस्था में पर्याप्त संख्या में कार्यकर्ता लगे हैं जो अतिथियों का स्वागत करने के साथ ही उनकी मेहमान नवाजी का पूरा ध्यान रखेंगे।
मंच को भव्य महल का स्वरूप दिया गया है। मंच के दाहिने तरफ प्रयागराज के कोतवाल लेटे हुए हनुमान, दाएं तरफ भव्य राम दरबार एवं समुद्र मंथन पर आधारित छवि के साथ मंच को सजाया गया है। श्रोताओं के प्रवेश के लिए गंगा, यमुना, सरस्वती और संगम नाम से चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।

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