सांप के अलावा सपनों में दिखाई देती हैं ये चीजें, तो हो सकता है कालसर्प दोष

आमतौर पर व्यक्ति को भ्रम होता है कि उसके पैर के नीचे सांप है। लेकिन यह परेशानी तब शुरु होती है जब किसी को हमेशा सांप के आसपास होने का वहम होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सपनों में बार-बार सांप का आना या सांप का काटने की बेवजह डर सताता है, तो यह कालसर्प दोष का संकेत हो सकता है। हालांकि, जरुरी नहीं है कि यही लक्षण हो। इसके दोष के और भी कई लक्षण देखने को मिल सकते हैँ। चलिए आपको बताते हैं कुंडली में कालसर्प दोष होने के क्या लक्षण हैं और इसके लिए जरुरी उपाय।

अगर आपके ऊपर कालसर्प दोष है तो जरुरी नहीं है कि सिर्फ नाग-नागिन के सपने ही नहीं आते बल्कि कई बार तो सपनों में कई विचित्र घटनाएं होती हैं। जैसे कि सपने में मृक लोगों का दिखना और उनका कुछ मांगना, जल में डूबना, खुद के साथ कोई दुर्घटना होना, ऊंचाई से गिरना। घर के किसी सदस्य का जोर-जोर से विलाप करना। कई बार सपने में काले रंग की आकृतियां नजर आना। अगर आपको भी ऐसे ही सपने आते हैं, तो कहीं कालसर्प दोष तो नहीं है।

मृत्यु होने का आभास होना

जिन व्यक्ति को कालसर्प दोष होता है उसे हमेशा मृत्यु का आभास होने लगता है। उसे ऐसा लगता है कि मृत्यु उसके करीब खड़ी है। कितनी ही कोशिशें करने के बाद भी व्यक्ति के मन में यही डर बना रहता है। व्यक्ति जब भी बाहर जाता है, तो उसे हमेशा दूसरे लोगों पर संदेह होता है। व्यक्ति को लगता है कोई मेरी पीछा कर रहा है।  सपने में मृत्यु होना।

पारिवारिक समस्याओं का समाधन न होना

कालसर्प दोष एक ऐसा लक्षण है कि आपके जीवन में पारिवारिक समस्याएं कभी खत्म होने का नाम नहीं लेती है। विवाह में रुकावट आती है। जब भी विवाह तय होता तो कोई न कोई रुकावट आती है। जिस वजह से विवाह भी टल जाता है। विवाह के बाद संतान के जन्म काफी दिक्कत होती है। अगर संतान का जन्म हो भी जाए तो संतान किसी रोगग्रस्त रहती है या मृत्यु तक हो जाती है।

कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के उपाय

अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। विशेषकर सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल जरुर अर्पित करें। वहीं, आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना चाहिए। इसके लिए सुबह नहाने के बाद एकांत जगह पर बैठें और जाप शुरू करें। इसके अतिरिक्त आप कालसर्प दोष को दूर करने के लिए सर्प नागपति पूजा एक प्रभावी उपाय है। इस पूजा को विशेष तौर पर पंडितों के द्वारा विधि-विधान के पूजा करवानी चाहिए।

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