हिंदू धर्म में होली का त्योहार दो दिवसीय होता है। इसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है। होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पुराणों में होलिका दहन और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि होलिका दहन के दिन होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के साथ सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रंगों का त्योहार होली इस बार 25 मार्च को मनेगा। इससे एक दिन पहले 24 तारीख को होली जलाई जाएगी। इस बार भद्रा दोष रहेगा इसलिए शाम की बजाय रात में होलिका दहन हो सकेगा। होलिका दहन के समय सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, बुध आदित्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन रवि, बुधादित्य और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। होली के बाद से दीपावली तक तेजी का माहौल बना रहेगा। लेकिन बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां बनेंगे और फायदे वाला समय रहेगा। विदेशी निवेश में भी वृद्धि होने के योग हैं। मंदी खत्म होगी। देश में बीमारियों का संक्रमण कम होने लगेगा उद्योग बढ़ेंगे। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को अच्छा समय शुरू होगा। महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा।
होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा 20 मिनट का ही समय रहेगा। इसकी वजह इस दिन उस दिन भद्रा प्रातः 9:55 से आरंभ होकर रात्रि 11:13 तक भूमि लोक की रहेगी। जो की सर्वथा त्याज्य है। अतः होलिका दहन भद्रा के पश्चात रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य और रवि योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 24 मार्च को सुबह 6:20 बजे से सुबह 11:21 बजे तक रवि योग रहेगा, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:40 बजे से रात 12:35 बजे तक रहेगा। इसी दिन रात 8:34 बजे से वृद्धि योग शुरू होगा, जो अगली रात 9:30 बजे तक रहेगा। 24 व 25 मार्च को सूर्य व बुध के कुंभ राशि में साथ रहने से बुधादित्य योग भी बनेगा, जो शुभ व मंगलकारी होगा। बुधादित्य योग से लोगों के व्यापार, शिक्षा व नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। दान-पुण्य करने का भी श्रेष्ठ फल मिलता है।
शुभ मुहूर्त
होलिका दहन तिथि- 24 मार्च 2024
भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन मुहूर्त
24 मार्च 2024- रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33
कुल अवधि- लगभग 01 घंटे 20 मिनट
होली तिथि
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 24 मार्च 2024 को सुबह 8:13 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 25 मार्च 2024 को सुबह 11:44 मिनट
कैसे करें होलिका दहन
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन के बाद जल से अर्घ्य दें। शुभ मुहूर्त में होलिका में स्वयं या परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित कराएं। आग में किसी भी फसल को सेंक लें और अगले दिन इसे सपरिवार ग्रहण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
होलिका दहन के दिन क्या नहीं करना चाहिए
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन के दिन सफेद खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करना चाहिए। होलिका दहन के समय सिर ढंककर ही पूजा करनी चाहिए। नवविवाहित महिलाओं को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। सास-बहू को एक साथ मिलकर होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। इस दिन को भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
होलिका दहन की रात भी महारात्रि की श्रेणी में शामिल
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन की रात को भी दीपावली और शिवरात्रि की भांति ही महारात्रि की श्रेणी में शामिल किया गया है। होलिका की राख को मस्तक पर लगाने का भी विधान है। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। इस रात मंत्र जाप करने से वे मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है। जीवन सुखमय बनता है, जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का अपने आप निराकरण हो जाता है।