सरकार को किसान विरोधी नीति की तरह नई विज्ञापन नीति को लेना होगा वापस : मुनेश्वर मिश्र

प्रयागराज। रेलवे बोर्ड द्धारा जारी नई विज्ञापन नीति के खिलाफ गुरुवार को अखबार मालिकों व पत्रकारों ने एक जुटता दिखाते हुए पत्रिका चौराहा स्थित डाटा एक्सपर्ट शिक्षण संस्थान में एक बैठक की।बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि रेलवे द्वारा जारी नई विज्ञापन नीति से हजारों-हजार मध्यम श्रेणी के अखबार बंद हो जाएंगे जिसके कारण पत्रकारों व अखबार में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोज़गार का संकट उत्पन्न हो जाएगा। अपने सम्बोधन में मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि हमे एकजुट हो कर रेलवे बोर्ड द्वारा बनाई गई इस नई विज्ञापन नीति के खिलाफ किसान आंदोलन की तरह एक आंदोलन करना होगा।और सरकार को मजबूर होकर इस नई विज्ञापन नीति को वापस लेना होगा।उन्होंने कहा कि सरकार हमसे हमारा रोज़गार छीनकर हमें बेरोजगार करना चाहती है।एक बात का ध्यान रखे हमेश जीत भूखे पेट की ही होती है ,क्रांतिकारी भूखे पेट वाले ही होते हैं।हमे मजबूती के साथ एकता से इस लड़ाई को लड़ना होगा।
इस बैठक में मुख्य रूप से अनुपम शुक्ला ,केके श्रीवास्तव, आनंद  शुक्ला, कृष्णानंद त्रिपाठी ,सिद्ध नाथ द्विवेदी ने जोरदार तरीके से अपनी-अपनी बातों को रखते हुए अखबार स्वामियों व पत्रकारों को एकजुट रहने की बात की।इस बैठक में रेलवे विज्ञापन नीति पर आंदोलन की रणनीति तैयार की गई ।मंच का संचालन वरिष्ठ पत्रकार रणविजय सिंह ने किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी पत्रकार बंधुओं ने अपनी अपनी राय रेलवे की नई विज्ञापन नीति पर रखी। सभी अखबार स्वामियों की बातों को सुनकर मीडिया मंच के मार्गदर्शक मंडल टीम के अगुवा अनुपम शुक्ला ने कहां की यह लड़ाई हम सबकी है। प्रयागराज सहित विभिन्न जिलों के अन्य अखबार मालिकों से बातचीत कर हम आंदोलन को मूर्त रूप देने की तैयारी करें ।अब हम अखबार वाले जुल्म नहीं सहेंगे जुल्म सहने वाला भी गुनहगार होता है सरकार रहेगी या हम रहेंगे यह आर पार की लड़ाई होगी।
वही मार्गदर्शक मंडल के के श्रीवास्तव ने कहा की सरकार तकनीकी दृष्टि से उच्च अधिकारियों को आगे कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है। सरकार दो तरफा चल चल रही है। जिस तरह से सरकार साजिश रच अखबार मालिकों को सड़क पर लाना चाहती है हम पत्रकार बंधुओं को इन्हीं की तरह दिमाग से लड़ाई लड़नी है। सबसे पहले हम लोग एकजुट हो प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकरी को देंगे। जिलाधिकारी को ज्ञापन कब देना है इसके लिए हम आपस में विचार विमर्श करके एक दो दिन में फैसला लेंगे। मार्गदर्शक मंडल के कृष्णानंद त्रिपाठी ने कहीं की लड़ाई गंभीरता से लड़ी जानी चाहिए सांसद और विधायक मंत्री को ज्ञापन देने से बात नहीं बनने वाली है पूरी तरह से सरकार की तानाशाही है। हमारी ताकत सोशल मीडिया के साथ-साथ अखबार भी होगा ।हमे एकजूट होकर रणनीति बनानी होगी।इस बैठक में वरिष्ठ पत्रकार आनंद शुक्ला ने कहा की इस आंदोलन के रूपरेखा तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन हो। अखबार में कोई छोटा बड़ा नहीं होता है सबको एक साथ खड़े होकर सकारात्मक सोच के साथ लड़ाई लड़नी होगी।वरिष्ठ पत्रकार संतोष भगवान ने कहा की हम लोगों को नई विज्ञापन नीति को वापस लेने के लिए रेलमंत्री से मिलकर इस दमनकारी नीति को वापस लेने का दबाव बनाना होगा।अगर जरूत पड़ी तो हम लोग जन्तर-मन्तर पर धरना-प्रदर्शन भी करने को मजबूर होगे।
बैठक में प्रमुख रूप से राकेश शर्मा(संपादक) ,कमलेश मिश्रा, आफताब अहमद, अनुराग तिवारी  ,कुन्दन श्रीवास्तव, देवेन्द्र त्रिपाठी , परवेज आलम, शकील अहमद,कमल श्रीवास्तव, अमरदीप चौधरी , धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव,डा सुधाकर पाण्डेय, जेपी श्रीवास्तव, शिवेश राय, संदीप वालिया,दूधनाथ पाण्डेय, सतीश कुमार मिश्र, अनिल त्रिपाठी, सतीश कुमार गुप्ता समेत कई अखबार मालिक व पत्रकार मौजूद रहे।

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