प्रयागराज ।पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई के जन्मदिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर शनिवार को उ प्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में व्याख्यान का आयोजन किया गया।
व्याख्यान और परिचर्चा का विषय अटल व्यक्तित्व एवं उनका सुशासन दृष्टिकोण था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि अटल जी के विचार को हर एक को अपने जीवन में उतारना चाहिए। अटल जी का राष्ट्र एवं समाज के प्रति हमेशा व्यवहारिक दृष्टिकोण रहा। वह पूरे समाज की चिंता करते थे। आदर्श राजनीति के वाहक थे। समाज एवं राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयास अतुलनीय एवं अनुकरणीय हैं। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार लें तो राष्ट्र की सच्ची सेवा में अपना योगदान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी जैसे महापुरुष का जन्म दिवस सही मायने में मनाया जाना तभी सार्थक होगा जब हम उनके एक विचार को अपना लें । इसके लिए हम को एक संकल्प लेने की आवश्यकता है। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए दो कविताओं का पाठ किया।
व्याख्यान के मुख्य वक्ता स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर जी एस शुक्ल ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व इतना विराट था कि उनके दोस्त और प्रतिद्वंदी दोनों ही उनका सम्मान करते थे। अटल जी ने हमेंशा राष्ट्र को सर्वोपरि माना।
उनके लिए आपसे मतभेद गौण होते थे। उन्होंने 24 पार्टियों को साथ लेकर पूरे 5 वर्ष तक सरकार चलायी। सबको साथ लेकर चले। अटल जी ने राष्ट्रधर्म पालन का सुझाव दिया । उनका व्यक्तित्व हम लोगों के लिए अनुकरणीय है।
अतिथियों का स्वागत एवं परिचय अटल बिहारी बाजपेई सुशासन पीठ के निदेशक प्रोफेसर पी के पाण्डेय ने किया। संचालन डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रोफेसर पी पी दुबे ने किया। इस अवसर पर लघु परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें डॉ सुरेंद्र कुमार, डॉ साधना श्रीवास्तव, डॉ०दीपशिखा, रिसर्च स्कॉलर प्रीति,अम्बुज पांडेय, मुकेश दुबे एवम् योग विद्यार्थी अनुराग शुक्ला ने कविता पाठ भी किया।