सभी दुःखों के निवारण के लिए करें क्रियायोग ध्यान: सत्यम्

प्रयागराज। माघ मेला में मोरी रोड पावन गंगा के तट पर स्थित क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान के शिविर में योगी सत्यम् द्वारा देश-विदेश से आए कल्पवासियों, श्रद्धालुओं को सभी दुः़खों के कारण के निवारण के लिये क्रियायोग विज्ञान को क्रमबद्ध वैज्ञानिक तरीके से स्पष्ट करते हुए क्रियायोग ध्यान कराया गया।
इस अवसर पर क्रियायोग गुरु योगी सत्यम् ने उपस्थित साधकों व दर्शक श्रोताओं को विस्तार से बताया कि क्रियायोग ध्यान से सभी दुःखों का स्थायी निवारण हो जाता है। सभी दुःखों के कारण को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि मृत्यु भय के कारण मनुष्य का संयम टूट जाता है। संयम के टूटते ही मनुष्य के अंदर जीवन शक्ति घट जाती है, फलस्वरूप शारीरिक बीमारियां, मानसिक अशांति बढ़ने लगती है और वह अज्ञानता के घेरे में आ जाता है। अज्ञानता के बढ़ने पर मनुष्य को मायावी अनुभूति होती है कि वह कमजोर है, सीमित है, अस्तित्व नश्वर है, अंदर व बाहर दुःख ही दुःख है।
अंत में मृत्यु भय से मुक्ति पाने के लिये क्रियायोग का अभ्यास कराते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रह्माण्ड में किसी भी रचना की मृत्यु नहीं होती है, केवल उसका बाह्य रूप बदलता है। वैज्ञानिक उदाहरणों से स्पष्ट किया कि आसमान तत्व, वायु तत्व, ऊर्जा की किरणें, जलतत्व, अणु-परमाणु की मृत्यु नहीं होती है, मृ़त्यु व मृत्युलोक का अस्तित्व नहीं है। मृत्यु व मृत्युलोक का ज्ञान एक भ्रम है, मृग मरिचिका है जो अज्ञानता का कारण है। उन्होंने प्रशिक्षण दिया कि क्रियायोग ध्यान द्वारा अविद्या से विद्या, अज्ञान से ज्ञान, अन्धकार से प्रकाश व मृत्यु से अमरता की सफल यात्रा है।

Related posts

Leave a Comment