सनातन धर्म में नारी रत्न के स्वरूप है : सतानंद महाराज

प्रयागराज । कर्तव्य पथ परिवार के तत्वाधान में आयोजित में मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका मुट्ठीगंज में श्री शिव महापुराण की कथा के षष्ठम दिवस पर कथा का रसपान कराते हुए पूज्य श्री सतानंद महाराज ने कहा कि राजा दक्ष प्रजापति के यज्ञ में भगवान शिव का अपमान होने पर माता सती ने अपनी आहुति दे दी और भगवान शिव ने क्रोध में आकर  वीरभद्र को राजा दक्ष का अंत का आदेश दिया और वीरभद्र यज्ञशाला पहुंचकर राजा दक्ष का अंत कर दिया और सभी देवताओं की विनती की बात भगवान भोलेनाथ राजा दक्ष को बकरे का शीश लगाकर राजा दक्ष को पुनर्जीवित किया और उसका अहंकार तोड़ा और महादेव माता सती का पार्थिव शरीर को लेकर वे शुद्ध हो गए सृष्टि काम रुक गया भगवान विष्णु ने माता सती के बावन टुकड़े किए जो जो जहां गिरा वह शक्तिपीठ स्थल बन गया  और आगे व्यास जी ने कहा कि सृष्टि की संचालन के लिए माता सती ने दूसरा अवतार पार्वती के रूप में हिमालय महाराज के लिए जन्म लिया और माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के लिए बरसों तपस्या की और कहा कि उस ताडकासुर का आतंक चारों ओर व्याप्त था और शिव के प्रथम पुत्र के द्वारा होना था क्योंकि ब्रह्मा ने उसे वरदान दिया था इसलिए और पार्वती का विवाह होना अत्यंत आवश्यक था और देवताओं के प्रयास से भगवान शिव पार्वती का विवाह हुआ और उनके प्रथम पुत्र कार्तिकेय जी के द्वारा ताड़कासुर का वध हुआ
  आगे व्यास जी ने माता पार्वती जी का चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि माता पार्वती नारी शक्ति का स्वरूप है और उनके बिना सृष्टि कल्पना हो ही नहीं सकती और कहा कि यही कारण है हमारे सनातन धर्म में नारी शक्ति रत्न के स्वरूप है नारी शक्ति को देवी माना जाता है
   *कथा के मुख्य यजमान सपना आर्या , राजेश केसरवानी, सतीश चंद्र केसरवानी,
   मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया की कथा के पूर्व महा रुद्राभिषेक एवं पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया ।
  आज की कथा की आरती में पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर,कुमार नारायण, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई राजेंद्र प्रसाद केसरवानी,मोहित केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, उर्मिला केसरवानी , शैलेंद्र गुप्ता, सांई बाबा,पिंटू कुमार, अजय अग्रहरि,आशा केसरवानी, उषा केसरवानी, धीरेंद्र चतुर्वेदी, कमलेश कुमार, सुशील जैन आदि सैकड़ों भक्त रहे ।

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