संसद भवन पर हमले के अगले दिन पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो अस्पताल में भर्ती, पेट दर्द की शिकायत

ब्राजील के संसद भवन व सुप्रीम कोर्ट में भड़की हिंसा के अगले ही दिन पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। उन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद अमेरिका में फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें, 2018 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान बोलसोनारो को कई बार पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें, लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के राष्ट्रपति बनने से दो दिन पहले संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की थी।

एक दिन पहले संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट में घुसे थे प्रदर्शनकारी
गौरतलब है कि रविवार को लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के विरोध में प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ते हुए कांग्रेस (संसद भवन), राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में घुस गए। इन प्रदर्शनकारियों ने हरे और पीले झंडे के कपड़े पहने थे। इनमें से एक समूह के लोग सदन अध्यक्ष की कुर्सी पर चढ़ गए और वहां उसके आसपास जमा हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी स्पीकर के डायस पर चढ़कर माइक से छेड़छाड़ कर रहे हैं। एक वीडियो में बाहर भीड़ को एक पुलिसकर्मी को उसके घोड़े से खींचकर जमीन पर गिराते हुए दिखाया गया है। प्रदर्शनकारियों से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें दंगाइयों को कांग्रेस भवन में प्रवेश करते के साथ दरवाजे और खिड़कियां तोड़ते हुए दिखाया जा रहा। वीडियों में दिख रहा है वह एक साथ अंदर आते हैं और सांसदों के कार्यालयों को तोड़ते हैं। साथ ही उन्होंने एक बैनर को फहराने की कोशिश की।

बोलसोनारो ने आरोपों को किया खारिज 
बोलसोनारो ने सरकारी इमारतों पर हमले के लिए समर्थकों को भड़काने के ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के आरोपों को भी खारिज कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति ने ट्वीट में लिखा, “मैं अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं, जो कि ब्राजील के मौजूदा प्रमुख ने मेरे ऊपर बिना किसी सबूत के लगा दिए हैं।” गौरतलब है कि बोलसोनारो को ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव में पिछले महीने ही हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे अमेरिका के फ्लोरिडा चले गए थे।

अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, “कानून के दायरे में शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं। हालांकि, सरकारी इमारतों में घुसपैठ और कब्जे की कोशिश, जैसा की आज, 2013 और 2017 में लेफ्ट सरकार के राज में हुआ, वह कानून का उल्लंघन है।” उन्होंने कहा, “मेरे शासन में मैंने हमेशा संविधान की चार रेखाओं के अंतर्गत ही काम किया है। यह रेखाएं थीं- कानून का सम्मान और उनका बचाव, लोकतंत्र, पारदर्शिता और हमारी पवित्र आजादी।”

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