प्रयागराज। संघ की शाखाओं में वार्षिकोत्सव का उद्देश्य प्रमुख रूप से निष्क्रिय स्वयंसेवकों को सक्रिय करना और शाखा स्तर पर अपनी वृहद सूची बनाकर हर घर से लोगों को शाखा आने के लिए आमंत्रित करना है। राष्ट्रवाद के विचार को घर घर तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘आरएसएस’ ने अपने प्रमुख उत्सवों की श्रृंखला में वार्षिकोत्सव को जोड़ा है।
उक्त बातें मुख्य वक्ता काशी प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह आलोक मालवीय ने रविवार को अनन्दा आश्रम संघ कार्यालय सिविल लाइंस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हनुमान नगर, प्रयाग दक्षिण की श्रीराम मंदिर शाखा के वार्षिकोत्सव में स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने संघ की स्थापना से लेकर वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि वार्षिकोत्सव में जहां वर्ष भर सीखे गए शारीरिक क्षमताओं के प्रदर्शन किए जाते हैं, वहीं बौद्धिक के जरिए संघ की विचारधारा से लोगांे को अवगत कराया जाता है।
उन्होंने पूर्ण गणवेश में उपस्थित स्वयंसेवकों के बीच देश में संघ के अतुलनीय योगदान को लेकर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कहा कि देश की वर्तमान भौगोलिक और आंतरिक स्थिति को हम सभी देख रहे हैं। संघ के संस्थापक डाॅ. हेडगेवार ने इसको लेकर अध्ययन किया था और उन्होंने वर्ष 1925 में आरएसएस की स्थापना इसी उद्देश्य से की थी, जिससे अपना देश हर प्रकार से समृद्ध रह सके। मुगलों की विस्तारवादी योजना के तहत छठवीं और सातवीं शताब्दी के आसपास अपने देश के मुगल रूस से प्रारम्भ करते हुए भारत में प्रवेश किए। जहां एक हजार वर्ष तक अलग-अलग लोगों ने देश में राज किया।
अध्यक्षता कर रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के प्रो.अंजनी कुमार मालवीय ने कहा कि संघ अपनी स्थापना के 94वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और संघ ने भारतीय मूल्यों और परम्पराओं को आज तक जीवित रखा है। साथ ही संघ अपने उद्देश्यों में पूरी तरह से सफल भी रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में हनुमान नगर के नगर संघचालक उदय प्रकाश तिवारी मौजूद रहे। वार्षिकोत्सव में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने अमृत वचन, दंड प्रहार, एकलगीत, योगासन आदि का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक प्रमुख काशी प्रान्त जयप्रकाश, दक्षिण भाग के सह संपर्क प्रमुख युगल किशोर मिश्र, नगर कार्यवाह मनीष जायसवाल, भाग शारीरिक प्रमुख मनीष, विभाग शारीरिक प्रमुख प्रभूति कांत, प्रचार प्रमुख मनीष द्विवेदी, शाखा कार्यवाह दुर्गा सिंह, आदर्श वर्मा, मुख्य शिक्षक सिद्धनाथ शुक्ल, सुखसागर गुप्त, प्रतीक त्यागी, सौरभ, विनय, अंकित, अभिनव, गौरव, यशदीप, राजेन्द्र मिश्र आदि रहे।