श्रृंगवेरपुरधाम में भक्तो ने दूसरे दिन कूर्म महापुराण की कथा का किया श्रवण

श्रृंगवेरपुरधाम/लालगोपालगंज। श्रृंगवेरपुरधाम के श्रीराम संध्या मठ आश्रम में   श्री तुलसी साहित्य प्रचार समिति द्वारा आयोजित कूर्म महापुराण कथा का रसपान कथा मर्मज्ञों द्वारा कराया गया। जिसमे साधु संतों का जमावड़ा लगा रहा। कार्यक्रम की अगुवाई समिति उपाध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने की। इस दौरान क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।
   कथावाचक श्रृंगवेरपुरधाम पीठाधीश्वर महन्त राम प्रसाद दास शास्त्री महाराज ने बताया कि अतीत और वर्तमान के संवाद का सम्बंध कूर्म महापुराण से है। वर्तमान में हमे क्या और कैसे करना चाहिए। इसकी सीख कूर्म महापुराण सिखाता है। श्री हरि विष्णु ने भी समुद्र मंथन के दौरान बिना भेदभाव के अमृत सभी मे बांटने को कहा था। इसी प्रकार कूर्म महापुराण कथा में शिवशंकर जी महाराज और मध्वाचार्य जी महाराज ने बताया कि भगवान हरि अपने भक्तो के लिए तीनो लोक न्योछावर कर सकते है। प्रभु के प्रति सच्ची श्रद्धा से ईश्वर को पाया जा सकता है। मन को निर्मल बनाकर भगवान के प्रति समर्पित होनी की बाते कथावाचकों ने कही। जहाँ कूर्म महापुराण कथा का रसपान कराया गया वही श्रीराम कथा का रसपान कानपुर से आई साध्वी प्रज्ञा मिश्रा ने कराया। बताया कि श्रृंगवेरपुरधाम ने ही राम के रूप में अयोध्या और संसार को प्रकाशित किया है। श्रृंगवेरपुरधाम के ऋषि श्रंगी की तपस्या से ही श्रीराम का जन्म हुआ। इसलिए श्रृंगवेरपुरधाम का अयोध्या पर एक ऋण है। जिसे प्रभु ने नौका पार करने के बाद केवट को भवसागर से पार कराकर चुकाया था। आज भी श्रृंगवेरपुरधाम का उत्थान तीव्रता से हो रहा है। इस दौरान वैभव मिश्र , डॉ सुभाष मिश्र , अरुण द्विवेदी, हरि किशन , विकास सिंह , सन्त रामानन्द, कृष्णा मिश्र एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

Related posts

Leave a Comment