श्री परमानंद आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी विद्याधीशानंद गिरी जी का पट्टाभिषेक सम्पन्न

झूंसी/ प्रयागराज।
श्री परमानंद आश्रम के महंत 108 श्री शारदानंद गिरी जी महाराज के ब्रम्हलीन होने के उपरांत स्वामी जी के परम् सहयोगी और अमेरिका में वेद-शोध कार्यशालाएं चला रहे स्वामी 108 श्री विद्याधीशानन्द गिरी जी महाराज की महंती की चादर अर्थात पट्टाभिषेक आज श्री परमानंद आश्रम परिसर में आयोजित एक भव्य और दिव्य कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ।
पट्टाभिषेक के उपरांत अपने आशीर्वचन में विद्याधीशानंद महाराज जी नें कहा कि ‘सनातन में वेदों के अनुसार धर्म का अर्थ कोई जीवन विश्वास न होकर जीवन में अनुसरण के माध्यम से सत्य दर्शन है जिसका अवसर अन्य धर्मों में नहीं प्राप्त होता, यह निहितार्थ भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी नहीं समझ सका है जो धर्म को व्यक्तिगत विश्वास मानता है।’
गुजरात से पधारे वेद-वेदांग मर्मज्ञ स्वामी असंगानन्द जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘वेदों को आज की पीढ़ी के लिए सरल वैज्ञानिक पद्धति से परिभाषित किया जाना चाहिए।’
बी.एच. यू. कला संकाय में प्रोफेसर डॉ. मनुलता शर्मा नें कहा कि ‘संस्कृताध्यन एवं अध्यापन में अत्यंत समर्पण की आवश्यकता है जो वर्तमान में अल्पज्ञयों द्वारा उठाये जा रहे प्रश्नों का समन कर सके।’
कार्यक्रम में पूर्व निदेशक संस्कृत संस्थानम, लखनऊ डॉ. चंद्रकांत द्विवेदी, गंगेश्वर वेद विद्यालय के सुरेश द्विवेदी, श्री हर्ष सावित्री के आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’, ट्रस्टी आशीष द्विवेदी आदि नें भी अपने विचार व्यक्त किये।
इसके पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ ब्राम्हण बटुकों द्वारा मंगलाचरण में चतुर्वेद पाठ किया गया। तदोपरांत संतो के द्वारा ब्रम्हलीन शारदानंद गिरी जी के चित्र पर पुष्पार्चन किया गया। पुनश्च संस्थान ट्रस्ट के उपाध्यक्ष स्वामी शरद पुरी जी के द्वारा आश्रम और अध्यक्ष का परिचय दिया गया। हरिद्वार से पधारे डॉ. केशवानंद जी द्वारा कार्यक्रम में पधारे संत-महंतों का परिचय और माल्यार्पण कराया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित सैकङों संतों द्वारा स्वामी विद्याधीशानन्द महाराज का कुम्भाभिषेक किया गया जबकि महंती की चादर में दशनाम सन्यास व्यवस्था के अनुसार संत, महंतो तथा देश-विदेश से आये सैकङों भक्तों के द्वारा नये महंत एवं परमाध्यक्ष को चादर एवं पुष्पमाला पहना कर उनका अभिनंदन किया गया। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
पट्टाभिषेक समारोह में मुख्यरूप से स्वामी असंगानन्द जी, स्वामी शिवज्योतिशानंद जी, स्वामी चेतन जी, स्वामी आदित्य पुरी जी, स्वामी शरदपुरी जी, स्वामी ब्रम्हानंद गिरी जी,  स्वामी देवानंद जी, मोहन ब्रम्हचारी जी, स्वामी नर्मदानंद जी, कृष्णा नंद जी, मठ मछली बंदर के स्वामी विमल देव जी महाराज तथा स्वामीयोगानंद परशुराम अखाड़ा उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में स्वामी विद्याधीशानंद गिरी जी महाराज के विदेशी शिष्यों जिनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, इंग्लैंड, अर्जेंटीना, फ्रांस, मैक्सिको आदि विश्व के बारह देशों से पधारे हैं, अत्यंत मधुर भाव से सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का अविष्मरणीय संचालन आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’, धन्यवाद ज्ञापन संस्था की मंत्री डॉ. कनक द्विवेदी द्वारा जबकि कार्यक्रम का सफल प्रबंधन वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य ब्रज मोहन पांडेय एवं उनके विद्यालयी सहयोगियों नें किया।

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