श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से प्राणी निष्पाप: डॉ प्रपन्नाचार्य

प्रयागराज। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही प्राणी निष्पाप हो जाता है। व्यक्ति के जीवन में जाने अनजाने संचित कलुष भाव भागवत कथा मात्र से ही समाप्त हो जाते हैं।

उक्त बातें माघ मेला क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा मार्ग पर श्री देवराहा बाबा सेवाश्रम शिविर में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए डॉ. रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी महाराज ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ज्ञान कर्म और भक्ति की त्रिवेणी प्रयागराज तपोभूमि में आकर कल्पवास के समय श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने पर कई जन्मों के पुण्य संचित होते हैं और एक सप्ताह तक भागवत कथा सुनने वाले प्रत्येक श्रोता को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि माघ मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस पवित्र पावन भूमि पर समस्त देवी-देवता विभिन्न रूपों में पधार कर यहां रात दिन चलने वाले सत्संग का लाभ प्राप्त करते हैं।
इसके पूर्व विशाल शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमें आश्रम के वरिष्ठ संत पूज्य स्वामी कल्पनेश जी प्रपन्नाचार्य, स्वामी शिबेश्वर प्रपन्नाचार्य, डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय, अशोक कुमार मिश्र सहित श्री देवराहा बाबा सेवाश्रम शिविर के सैकड़ों साधक उपस्थित रहे। श्रीमद्भागवत महापुराण के परीक्षित की भांति प्रधान यजमान डॉ राम शिरोमणि त्रिपाठी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती इंदुबाला त्रिपाठी ने भागवत पूजन सहित समस्त संतो को अंगवस्त्रम एवं श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया।
गौरतलब है कि यह कथा प्रतिदिन 28 जनवरी तक अपराहन 2 से 5.30 बजे शाम तक चलेगी। जिसमें श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में धर्म और अध्यात्म की अविरल धारा प्रवाहित होगी। आश्रम के शिविर व्यवस्थापक मंडल ने स्थानीय संत महात्माओं भक्तों एवं कल्पवासियों को समय से कथा श्रवण हेतु शिविर में पधारने की अपील की है। निरंतर प्रवचन एवं कथा प्रवाह के लिए विख्यात यह शिविर आसपास के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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