मधुमेह एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार लग जाने के बाद जिंदगीभर साथ रहती है। रोजाना मधुमेह के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। खासकर भारत में मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। इस वजह से भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है। विश्व मधुमेह संघ की मानें तो आने वाले वर्षों में मधुमेह महामारी का रूप धारण कर सकती है। इसके लिए सेहत पर विशेष ध्यान दें। वहीं, मधुमेह के मरीजों को खानपान से लेकर रहन-सहन में व्यापक सुधार करना चाहिए। मीठे चीजों को अपनी डाइट में बिल्कुल शामिल न करें। साथ ही शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में दारुहरिद्रा भी शामिल कर सकते हैं। कई शोधों में साबित हो चुका है कि दारुहरिद्रा में एंटी डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं, जो शुगर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
आयुर्वेद में दारुहरिद्रा को औषधि माना जाता है। यह पौधा भारत के पर्वतीय हिस्सों सहित नेपाल और श्रीलंका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है। वैज्ञानिक भाषा में बर्बेरिस अरिस्टाटा कहा जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह समेत कई अन्य बीमारियो में वरदान साबित होते हैं। कई शोधों में दावा किया गया है कि दारुहरिद्रा के फल और जड़ में एंटी डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए दारुहरिद्रा के सेवन से शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।धुमेह के मरीज दारुहरिद्रा के फल का सेवन कर सकते हैं। साथ ही दारुहरिद्रा की जड़ को सुखाकर पीसकर पाउडर तैयार कर लें। अब रोजाना दूध या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से सेवन करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। हालांकि, सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।