शुआट्स वैज्ञानिकों ने दी किसानों को सलाह

प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि गेहूँ के विसंक्रमण के लिए मैलाथियान 0.3 प्रतिशत घोल बनाकर गोदाम के अन्दर छिड़काव चाहिए । गेहूँ के भण्डारण से पूर्व कुठले या भण्डारगृह को कीटनाशी से विसंक्रमित कर लें । हरी खाद के लिए तैंचा या सनई की बुवाई करें । यदि नींबू फल में फटने की समस्या हो पोटैशियम सल्फेट के 4 प्रतिशत घोल का छिड़काव पौधे पर करें । गर्मियों में 7-8 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें । बहुकटान वाली ज्वार में प्रथम कटान पर प्रति हेक्टेयर 30 किग्रा नाइट्रोजन ( 65 किग्रा यूरिया ) और उसके बाद प्रत्येक कटाई पर 20 किग्रा नाइट्रोजन ( 44 किग्रा यूरिया ) की टाप ड्रेसिंग तथा सिंचाई करें । कद्दू वर्गी फसलों की सिचाई 5-6 दिन के अन्तराल पर करें तथा फलों को तोड़ कर बजार में भेजें । अमरूद की नई बढ़वार जिस पर फूल लग रहे हों , का 3/4 शीर्ष भाग काटकर निकाल दें या 0.2 प्रतिशत यूरिया का घोल बनाकर छिड़काव कर फूल गिर जायेगा । इससे बरसात की फसल तो कम हो जायेगी , परन्तु मुख्य फसल में उतनी ही वृद्धि हो जायेगी । एक खेत से प्राप्त मिट्टी के नमूनों को आपस में मिलाकर नियमानुसार उसमें से लगभग 500 ग्राम भार एक थैले में भरकर पूरे विवरण के साथ मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में भेंजे । गुलाब में आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं गुड़ाई करें । गर्मीयो की गहरी जुताई कर जिस से कीट तथा खरपतवार गर्मी के कारण नष्ट हो जाते हैं । और खेत मे वर्षा ऋतु में पानी सोखने की क्षमता भी बढ़ जाती है । सभी पशुओं को गलाघोंटू तथा बी . क्यू . का टीका लगवायें । चेचक से बचाव के लिए मुर्गियों में टीके लगवायें ।

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