नैनी, प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि खरीफ फसलों की कटाई के बाद फसल अवशेष कदापि न जलायें इनको लगभग 20 कि.ग्रा. प्रति एकड़ यूरिया की दर से मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई / पलेवा के समय मिला देने से फसल अवशेष लगभग 20 से 30 दिन के भीतर जमीन सड़ जाते हैं। कृषि विभाग के बीज व कृषि रक्षा केन्द्रों से डीकम्पोजर प्राप्त कर फसल अवशेषों को खेत में सड़ाया जा सकता है।
गेहूँ की बुवाई हेतु उपलब्ध यंत्रों हैपी सीडर व सीड ड्रिल से लाइन में बुवाई करें। गेहूँ की असिंचित / सीमित सिंचाई की दशा में समय से बुवाई हेतु संस्तुत उन्नतशील किस्मों जैसे- के. 1317. के. 1616 – डी.वी.डब्लू. – 252, एच. आई. – 1612, एच.डी. – 3171, के-8027. के. 9351, एच.डी. – 2888 के 8027 (मगहर) आदि की बुवाई 10 नवम्बर तक अवश्य कर दें।
गेहूं की सिंचित दशा में समय से बुवाई हेतु संस्तुत उन्नतिशील व अधिक उपज वाली प्रजातियों जैसे- पी.वी.. डब्लू.-826, एच.डी.-3249, डी. बी. डब्लू. 187, एच.डी. – 2967. के. – 1006. डी. बी. डब्लू. – 303, करण नरेन्द्र (डी.बी.डब्लू.-222), पूसा यशस्वी (एच.डी. – 3226) एवं पी.वी.डब्लू. – 723 आदि की बुवाई नवम्बर के प्रथम पखवाड़े में करें। गेहूं की बुआई लाईनों में 20 से.मी. की दूरी पर 4-6 सेमी, की गहराई पर पर्याप्त नमी रहते करें।
रबी मक्का की संकर किस्मों यथा पी.एम.एच.-3, एच. क्यू. पी. एम.- 1. सीडटेक – 2324, शक्तिमान -1, बुलन्द तथा संकुल मक्का की किस्मों शरदमणी शक्ति- 1 शियाट्स मक्का-3 लावा हेतु पर्ल-पॉपकॉर्न अम्बर- पापकार्न, वी. एल. अम्बर-पापकार्न, मीठी मक्का की प्रिया स्वीट कॉर्न व माधुरी स्वीट कॉर्न तथा बेबी कार्न हेतु एच. एम. -4 आजाद कमल (संकुल) व प्रकाश किस्मों की बुआई करें। शरदकालीन गन्ना के साथ अन्तः फसल के रूप में आलू, लहसुन, सब्जी मटर मसूर आदि की अन्तः फसली खेती अवश्य करें । अन्तः फसल की फसल ज्यादा वानस्पतिक फैलाव वाली नहीं होनी चाहिये। शरदकालीन गन्ना बुवाई हेतु प्रदेश में स्वीकृत गन्ना किस्मों यथा को. शा. 13235 को लख. – 14201 को 15023, को. शा.17231, को. शा. 16233 को, से 13452 तथा सी.ओ. 0118 की बुवाई करें। गन्ने का उपचार बावस्टिन 0.1 प्रतिशत अथवा थायोफिनेट मिथाईल 0.1 (1 ग्राम प्रति ली. पानी) प्रतिशत से अवश्य करें।
मटर की पछेती किस्मों यथा आजाद मटर-1 आजाद मटर-2, जवाहर मटर- 83, पी. 3, काशी शक्ति आदि की बुवाई करें। • लहसुन की उन्नतशील किस्मों यथा एग्रीफाउन्ड व्हाईट यमुना सफेद (जी-1), यमुना सफेद-2 (जी-50), यमुना सफेद-3 (जी-282), पंत लोहित एवं एग्रीफाउन्ड पार्वती की बुवाई करें। • प्याज की संस्तुत प्रजातियों यथा कल्याणपुर लाल गोल, पूसा रत्नाकर, एग्रीफाउन्ड लाइट रेड, एग्रीफाउन्ड व्हाईट तथा संक प्रजातियों यथा एक्स कैलीवर, बरगण्डी, केपी ओरियंट रोजी की नर्सरी डालने हेतु बीज की व्यवस्था करें।आम के बाग में प्रथम 10 वर्षों तक अधिक लाभ के लिये अन्तः फसल के रूप में आलू, मिर्च, टमाटर, मटर तथा ग्लेडियोलस की खेती करें।