शुआट्स वैज्ञानिकों ने गेंहूॅ एवं धान की नई किस्मों को विकसित किया

शुआट्स वैज्ञानिकों ने गेंहूॅ एवं धान की अधिक उपज देने वाली नई किस्मों को विकसित किया जिससे किसानों की आय दोगुनी होगी।
 कुलपति मोस्ट रेव्ह0 प्रो0 राजेन्द्र बी0 लाल के कुशल निर्देशन में शुआट्स नैनी प्रयागराज के कृषि वैज्ञानिक डॉ0 महाबल राम और डॉ0 रूपा लवानिया ने गेंहॅू एवं धान की नई किस्में ए0ए0आई0 डब्ल्यू-52 एवं सुआट्स धान-7 (सुहानी) विकसित की है। प्रो0 (डॉ) एस0 डी0 मेकार्टी शोध निदेशक, के मार्ग दर्शन में गेंहॅू एवं धान की फसलों पर शोध कार्य हो रहा है जो किसानों के लिए वरदान साबित होने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति में बहुताय सुधार लाने के लिए शुआट्स क्षि विश्वविद्यालय सदैव प्रयत्नशील रहता है।
इस बैठक में शुआट्स के वैज्ञानिक गेंहॅ प्रजनक डॉ0 वी0 पी0 शाही और धान प्रजनक डॉ0 रूपा लवानिया ने ए0ए0आई0 डब्ल्यू-52 किस्म सिंचित समय/विलम्ब से बुवाई के लिए उपयुक्त है इसके पौधे ऊॅचाई 95-98 सेमी0 यह किस्म 110-115 दिन में पककर तैयार हो जाती है जिसकी औसतन उपज 43.94 कु0 प्रति हे0 यह किस्म रोगरोधी तथा उच्च ताप रोधी है यह किस्म सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में उगाने के लिए उपयुक्त है और सुआट्स धान-7 (सुहानी) किस्म को सिंचित दशा में उगाया जा सकता है इसके पौधे ऊॅचाई 85-95 सेमी0 यह किस्म 125-130 दिन में परिपक्व हो जाती है जिसकी औसतन उपज 44.40 कु0 प्रति हे0 यह किस्म मध्यम रोग अवरोधी है तथा बीज का आकार लांग सलेण्डर चावल है यह किस्म सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में उगाने के लिए उपयुक्त है।
इन किस्मों को कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र अनुभाग) कृषि भवन लखनऊ उत्तर प्रदेश में उनकी अघ्यक्षता में आयोजित राज्य बीज विमोचन उप समिति की 61वीं बैठक दिनॉक 09.07.2024 में जारी करने के लिए प्रस्तावित किया गया है।  इस अवसर पर माननीय कुलपति मोस्ट रेव्ह0 प्रो0 राजेन्द्र बी0 लाल ने किसानों की कुशलता एवं उनकी अर्थिक स्थिति के सुधार हेतु मंगल कामना की है।

Related posts

Leave a Comment