प्रयागराज। सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने 12-14 मई को हल्की वर्षा के आसार जताते हुए कृषकों को सलाह दी है कि गर्मी में खेत की गहरी जुताई करें। मृदा परीक्षण करा लें तथा संस्तुति अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें।
धान की रोपाई वाले प्रक्षेत्रों में हरी खाद के लिए सनई अथवा देंचा की बुआई यथाशीध करें। सभी जनपदों में कृषि विभाग के गोदामों पर उँचा का बीज उपलब्ध है।
नर्सरी डालने के लिए शोधित बीज का ही प्रयोग करें। यदि बीज पूर्व शोधित न हो तो धान की नर्सरी डालने से पूर्व बीज शोधन सुनिश्चित करें। यदि जीवाणु झुलसा वा जीवाणुधारी रोग की समस्या हो तो 25 किग्रा० बीज के लिए स्टेप्टोमाइसीन सल्फेट 90 प्रतिशत एवं टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 4 ग्राम मात्रा को 100 ली. पानी में मिलाकर रात भर भिगो दें।
दीमक, सफेद गिडार, सूत्रकृमि, जड़ की सूड़ी, कटवर्म आदि कीटों से बचाव हेतु व्यूवेरिया बैसियाना 1 प्रतिशत डब्लू, पी. की 2.50 किग्रा./हे. की दर से 65-75 से किया. गोबर की खाद में मिलाकर हल्के पानी का छींटा देकर 8 से 10 दिन तक छाया में रखने के उपरान्त आखिरी जुताई के समय खेतों में मिलाकर भूमि शोधन करना चाहिए। उर्द. मूंग व गन्ना की फसलों एवं लीची व आम के बागों में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए मक्का की देर से पकने वाली संकर किस्मों यथा गंगा-11, सरताज, एच. क्यू.पी.एम.-5. एच.क्यू.पी.एम.-8, प्रो-316 (4640), बायो-9681, वाई-1402, पी.एस.सी.-740, एन.एम. एच.-920, सीडटेक-740, एन.एम.एच.-713 के तथा संकुल किस्म प्रभात आदि के बीज की व्यवस्था कर बुआई करें। . किसान भाई गन्ने में 12-15 दिन के अन्तराल पर सिंचाई अवश्य करें।
20 मई से लम्बी अवधि की धान की किस्मों की बेरन डालने हेतु बीज की व्यवस्था सुनिश्चित करें।