प्रयागराज। सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में कृषि व्यवसाय में उद्यमिता विकास और आत्मनिर्भर कृषि में कृषि तकनीक की स्थिरता पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘कृषि मंत्रणा 2024’ का उद्घाटन यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के सभापति श्री बाल्मीकि जी त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो0डा0 राजेन्द्र बी. लाल ने की। एसकेआर कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति डा. अरूण कुमार विशिष्ट अतिथि थे जिन्होंने कृषि उद्योग में स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक नेतृत्व काो महत्वपूर्ण बताया।
श्री बाल्मीकि जी त्रिपाठी ने कृषि उन्नति के प्रति समर्पण, स्थायी कृषि को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों के कार्य पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने किसानों की आर्थिक लचीलापन को मजबूत करने और कृषि अखंडता के संदर्भ में उन्हें सशक्त बनाने में सहकारी संरचनाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। कहा कि कीटनाशक के अधिक उपयोग का कुप्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पढ़ रहा है, इस सम्बन्ध में किसनों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने पुरानी कृषि पद्धति, प्राकृतिक खेती का उपयोग कर उत्पादकता को बढ़ावा दिये जाने की बात कही।
प्रो. (डॉ.) राजेंद्र बी. लाल ने खेती में उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके लाभों के बारे में बताया। कीटनाशक का सही मात्रा में और सही फसल के लिये उपयोग किया जाना चाहिये। उन्होंने प्रत्येक जिले में कृषि विभाग के अधिकारी और प्रसार वैज्ञानिकों को साथ साथ कार्य करने की जरूरत बताया जिससे तकनीक का आदान-प्रदान सम्यक व सुचारू रूप से हो सके और किसान लाभान्वित हो सकें।
जी.पी सिंह, संयुक्त निदेशक, भारत सरकार ने कीटनाशक के उपयोग को लेकर भारत सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बारे में बताते हुए किसानों को जागरूक करने की बात कही।
प्रति कुलपति प्रशासन प्रो. बिस्वरूप मेहरा ने टिकाऊ प्रथाओं का समर्थन करने वाले और नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने वाले नियमों को विकसित करने के लिए, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि व्यवसायों और सरकारी एजेंसियों के बीच मजबूत सहयोग की बात कही।
फेकल्टी डीन प्रो.डा. आशीष एस. नोएल ने सभी अतिथिगणों का स्वागत किया तथा शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं से कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और चुनौतियों के समाधान खोजने का आवाहन किया। अपर कुलसचिव प्रो.डा. सी. जॉन वेस्ली ने विश्वविद्यालय की 114 वर्षों की उपलब्धि को संक्षेप में बताया। संयुक्त कुलसचिव डा. अमीष जॉन स्टीफन ने संचालन किया। कार्यक्रम में बीएचयू के प्रोफेसर कल्याण, प्रो0 पी.एस0 बादल, भारत सरकार के प्लान्ट प्रोटेक्शन अधिकारी अमित कुमार सिंह, अधिवक्ता नीरज द्विवेदी, जे.पी. सिंह, मुकेश कुमार मौर्य, प्रीतेश द्विवेदी, पीसीएफ क्षेत्रीय प्रबंधक आदि उपस्थित रहे।