नैनी, प्रयागराज।
पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रधानमंत्री के द्ष्टिकोण को जारी रखते हुए, सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय का वानिकी कॉलेज लगातार पर्यावरण से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों की श्रंखला आयोजित कर रहा है। वनों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री, शुआट्स ने 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस समारोह आयोजित किया । सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन वन और टिकाऊ उत्पादन और खपत विषय के साथ किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0(डा0) एंटनी जोसेफ राज, डीन वानिकी महाविद्यालय ने बताया कि वन पृथ्वी के 31 प्रतिशत हिस्से को कवन करते हैं आरै लाखों प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण आवास है, वे स्वच्छ हव और पानी के स्रोत हैं और निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रो0 एंटनी ने वनों के महत्व को भी दोहराया जो जानवारों के साथ-साथ मनुष्यों को भोजन, पानी, आश्रय प्रदान करने में आवष्यक भूमिका निभाते हैं। प्रो0 एंटनी ने कहा कि विश्व वानिकी दिवस पर लोगों को वनों के महत्व देने और उन्हें बचाने और जीवित प्राणियों के जीवन में वनों के महत्व के बारे में बताया। प्रो0 एंटनी ने बताया कि जंगल और पेड़ वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को कम करके जलवायु परिवर्तन में सहायक हैं। उन्होने यह भी बताया कि कार्बन को एकत्र करते हुए, वन प्रत्येक वर्ष 2 बिलियन टन कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषित करते हैं। प्रो0 एंटनी ने सभी छात्रों और संकाय सदस्यों से एकजुट होकर वनों के प्रति जागरूकता पैदा करने और देश के वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण अभियान में शामिल होने का आग्रह किया।
वानिकी महाविद्यालय के फॉरेस्ट बायोलाजी एवं ट्री इम्प्रमेंट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 अफाक माजिद वानी ने इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और वनों और पेड़ों के कई उत्पादक लाभ प्रदान करने की उनकी क्षमता पर ध्यान आकर्षित किया तथा डॉ0 आफाक ने सुझाव दिया कि जीवन का सही अर्थ पेड़ लगाना है जिसकी छाया में आप बैठने की उम्मीद करते है। वानिकी महाविद्यालय के वन उत्पाद विभाग के विभागाध्यक्षिका डॉ0 नीलम खरे ने सुझाव दिया कि पेड़ लगाकर स्वस्थ वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए और वन संसाधनों का सतत उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि पूरे मानव समुदाय का लाभ हो सके। अंत में डॉ0 नीलम खरे ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव रखा। वानिकी के बीएससी के छात्रों के लिए वनों के महत्व पर अलग से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और एम0एस0सी0 वानिकी महाविद्यालय के छात्रों के लिए राष्ट्रीय एवं ग्रामीण विकास में वनों एवं वृक्षों की भूमिका पर बल देने हेतु विद्यार्थियों के लिए 15 मिनट के समय में अधिक से अधिक वृक्षों के वैज्ञानिक नाम लिखने की अनूठी प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार व प्रमाण प़त्र वितरित किए गए। पर्यावरण को हरा-भरा करने लिए शुआट्स परिवर में छात्रों और कर्मचारियों को शामिल करते हुए वृक्षारोपण किया गया। इस आयोजन में समिति के सदस्य डॉ0 नीलम खरे, डॉ0 अफाक माजिद वानी, डॉ0 सत्येंद्र नाथ , डॉ समीर डैनियल, डॉ0 हर्ष बी0 पालीवाल, डॉ0 अभिषेक जेम्स, डॉ0 हेमंत कुार, डॉ एकता पी0 मिश्रा, डॉ0 श्वेता गौतम, डॉ0 ईबा, मो0 समीर, श्री सतीस कुमार और श्री रमेश चन्द्र पटेल थे।