शंकरगढ रेलवे स्टेशन पर रेल नीर की जगह निजी कंपनियों का भी बिकता है पानी.

शंकरगढ(प्रयागराज) प्रमोद बाबू झा चंद्रमणिमिश्र, ट्रेन में सफर करने वाले ज्यादातर अधिक भीड़ या साफ – सफाई की शिकायत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करते हैं । रेलवे इन मामलों का तत्काल रूप से निपटारा करती है । लेकिन फिलहाल इन दोनों शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन पर ऐसी चर्चाएं चल रही हैं, जिससे आप सुनकर हैरान हो जाएंगे कि वाकई स्टेशन व स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में पानी घोटाला आपसी मिली – भगत से चल रहा है । वैसे तो यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे स्टेशन पर रेल नीर की बिक्री तो शुरू कर दी , लेकिन इस पर अमल हो रहा है या नहीं इसे देखने वाला कोई नहीं है । इसका दंश यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है । रेलवे स्टेशन पर रेलवे द्वारा रेल नीर पानी बेचने के आदेश हैं लेकिन स्टॉल संचालकों द्वारा दूसरी कंपनियों का पानी भी भेजा जा रहा है और अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है । इस संबंध में यात्रियों द्वारा कई बार शिकायतें भी की गई , लेकिन रेलवे स्टेशन पर रेल नीर पानी की बोतल बेचने का प्रावधान है लेकिन स्टॉल संचालक ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में दूसरी कंपनियों का पानी बेच रहे हैं । यह सब अधिकारियों की नाक के नीचे ही चल रहा है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है । यात्रियों की माने तो रेल नीर होने के बावजूद भी दूसरी कंपनियों का पानी आखिरकार किसके सह पर बेचा जा रहा है ।

गेस्ट हाउस से आती है खेप
रेलवे के सख्त निर्देश के बाद भी स्टेशन व ट्रेनों में रेल नीर की जगह नकली पानी का कारोबार नहीं थम रहा है । रेलवे जितना शिकंजा कसने की कोशिश करता है उससे सम्मिलित लोग एक कदम आगे निकलकर अपना कारोबार कर रहे हैं । कार्रवाई व भारी भरकम जुर्माने से बचने के लिए पानी संचालक नए – नए तरीके अपना रहे हैं । बताया गया है कि स्टेशन व स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में बिक रहे इस अवैध पानी संचालकों के खेल में रेलवे विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहें हैं । नाम न छापने की शर्त पर रेलवे विभाग के एक जैसवाल कर्मचारी ने बताया कि पानी संचालकों से अवैध पानी का एक मोटा हिस्सा रेलवे विभाग के अधिकारियों को जाता है । यही वजह है कि इन स्टेशन व स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में छापामारी कर कार्रवाई नही की जाती है । और यह पूरा खेल पास के गेस्ट हाउस से शुरू होकर रेलवे के कोने – कोने तक पहुँचाया जा रहा है ।
क्या बोले प्रबंधक
 इस संबंध में जब शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन प्रबंधक प्रकाश चंद्र झा से बात की गई तो उन्होंने कड़े शब्दों में बताया कि यह सब आलतू – फालतू पेपर में छपने के लिए आप ही ठेका ले रखे हैं और स्टेशन पर रेल नीर की जगह और निजी कंपनियों का पानी क्या नहीं बिक सकता है , इतना कहते ही फोन पर ज्यादा बात न कहकर मिलने की जिद पर अड़ गए , इसके बाद जब प्रयागराज डीआरएम से संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया ।

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