शंकरगढ छेत्र मे डग्गामार पत्रकारो की बाढ,

शंकरगढ से प्रमोद बाबू झा, यू तो आम नागरिको के लिये जब कही सुनवाई न हो तो मिडिया ही सहारा होता है किन्तु शंकरगढ छेत्र मे पिछले कुछ महीने से सौ पचास रुपये के चक्कर मे पत्रकारिता को धूमिल करने वाले तथाकथित पत्रकार जन चर्चा का विषय वने है , लोगो की शिकायत को सच माने तो शंकरगढ मे तमाम ऐसे पत्रकार वने घूम रहे है जो   धाना चोकी पुलिस ब्लाक तथा अस्पताल के आस पास चील कौए की तरह मिलाते दिखेगे,  ऐसे पत्रकार कोई प्रिन्ट तो कोई चैनल की धौस दिखाकर मीडिया को वदनाम कर रहे है शर्मिन्दगी तो तव होती है कि ऐसे पत्रकार सौ पचास रुपये मे पत्रकारिता की गरिमा को तार तार कर रहे है , तमाम ऐसे लोग बेज्जत भी होते है मगर फिर भी अपना गोरखधंधा चालू किये है ,कुछ ऐसे है जिनको गाली गलौज से नवाजा जाता है , इस संदर्भ मे किसान प्रतिनिधि रमाशंकर मिश्र ने पत्रकारिता की गरिमा गिरा रहे  लोगो को मिडिया की गरिमा कायम रखने की वात कही,

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