विवादास्पद सिंध द्वीप अध्यादेश को संसद में पेश नहीं करने पर पीपीपी ने इमरान सरकार को घेरा

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने ‘विवादास्पद’ पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआइडीए) अध्यादेश 2020 को संसद के सत्र में शुक्रवार को पेश नहीं करने के लिए इमरान खान सरकार की निंदा की है।

पीपीपी संसदीय दल की नेता ने कहा- सरकार को अध्यादेश संसद में लाना ही होगा

पीपीपी संसदीय दल की नेता शेरी रहमान के हवाले से पाकिस्तानी अखबार डान ने कहा है, ‘संसद के दोनों सदनों की बैठक हुई, लेकिन यह अध्यादेश उसके सामने नहीं लाया गया। अध्यादेश को संसद के सामने नहीं रखना स्पष्ट रूप से एक सोची समझी चाल है। प्रांतीय शक्तियों और स्थानीय लोगों के अधिकारों पर इस तरह जबरन कब्जे के प्रयास के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट है। कई तरह से संविधान की उपेक्षा की गई है। यही कारण है कि वे संसद में इसे लाने से डर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करना ही होगा।’

उन्होंने कहा कि द्वीप सिंध से संबंधित है और यह अध्यादेश संघीय सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चालाकी से किया गया हमला है। सिंध सरकार ने भी केंद्र की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार से यह अध्यादेश अविलंब वापस लेने को कहा है।

अध्यादेश के खिलाफ पूरे सिंध में प्रदर्शन हो रहे हैं

इस अध्यादेश के खिलाफ पूरे सिंध में प्रदर्शन हो रहे हैं। अध्यादेश को संसद में बिना चर्चा के तैयार किया गया और इस तरह के प्रावधान किए गए हैं कि इसे पाकिस्तानी अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती। विपक्ष इसीलिए विरोध कर रहा है।

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