अच्छी सेहत हर कोई चाहता है,लेकिन इसके लिए सिर्फ स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन कर लेना ही पर्याप्त नहीं है। घर के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य एवं उनकी सुख-समृद्धि के लिए यह जरूरी है कि आपके घर की रसोई भी वास्तु सम्मत हो।रसोई,घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हमारे बीच में यह गलत धारणा है कि हम मकान बनाते समय रसोईघर को कम स्थान देने की सोचते हैं। जबकि उसका खुला-खुला वातावरण रहना अत्यंत ज़रूरी है क्योंकि जितने उपकरण तथा सामग्री रसोईघर में होती है उतना किसी अन्य जगह नहीं। यदि आपके घर में रसोई वास्तु सम्मत दिशाओं में बनी हुई न होकर और किसी दिशा में बनी हुई है तो ऐसे में आप बिना तोड़-फोड़ के रसोई की आंतरिक व्यवस्था को वास्तु के अनुरूप करके वास्तुदोष का निवारण कर सकते हैं।
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- रसोई घर में चूल्हा आग्नेय कोण में रखना चाहिए और खाना पकाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना भी आवश्यक है,इससे धन की वृद्धि तथा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
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- पीने योग्य जल का भंडारण व हाथ धोने के लिए नल ईशान कोण में होना चाहिए। रसोई में सिंक यानि कि बर्तन धोने की दिशा के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा शुभ मानी गई है।
- टोस्टर,गीजर या माइक्रोवेव,ओवन आग्नेय कोण में रखना आपके लिए लाभदायक होगा।
- मिक्सर,आटाचक्की,जूसर आदि आग्नेय कोण के निकट दक्षिण में रखना शुभ माना गया है।
- यदि रेफ्रीजिरेटर रसोई में रखना है तो इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें,ईशान या नैऋत्य कोण पर कदापि नहीं रखना चाहिए।
- मसाले के डिब्बे,बर्तन,चावल,दाल,आटा आदि के डिब्बे दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में रखना वास्तु सम्मत है। खाली सिलेंडर नैऋत्य कोण में रखें एवं प्रयोग होने वाला सिलेंडर दक्षिण दिशा की ओर रखें।
- वास्तु के अनुसार रसोई की दीवारों का रंग हल्का नांरगी के साथ क्रीम कलर करवाना शुभता में वृद्धि करेगा।
- रसोईघर में काले और नीले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए। वास्तुशास्त्र मानता है कि काले रंग के प्रयोग से किचन में नकारात्मक ऊर्जा का निवास हो जाता है साथ ही घर में आर्थिक हानि होने की भी संभावना बढ़ जाती है। अगर आप के घर में पहले से काले रंग का पत्थर लगा हुआ है तो आप इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए किचन में स्वास्तिक बना सकते हैं इससे वहां का वातावरण सकारात्मक हो जाएगा।
- आपकी किचन यदि वास्तु सम्मत दिशा में नहीं है तो आप इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए किचन की दक्षिण-पूर्व दिशा में एक लाल बल्ब लगा दें और इसको हमेशा जलने दें।
- यदि रसोई मुख्य द्वार के सामने है,तो इससे उत्पन्न वास्तुदोष को दूर करने के लिए मेन गेट और रसोई के बीच में एक पर्दा लगा लें।