वर्तमान प्रतिस्पर्धी समाज में जीवन के मूल्य खो रहे हैं-डॉ0मणि शंकर द्विवेदी

वर्तमान प्रतिस्पर्धी समाज में जीवन के मूल्य खो रहे हैं।पारम्परिक मूल्यों को सीखने के बजाय हम दूसरों को हरा देने के तरीकों की तलाश में लगे हैं।यह विचार ख्याति लब्ध सोशल एक्टिविस्ट डॉ0सुमित्रा वरूण ने व्यक्त किया।वह बुधवार को समदरिया स्कूल में”मानवीय जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता” विषयक कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि परीक्षा पास करके डिग्री एकत्र करने की होड़ बन्द करके जीवन के अच्छे मूल्यों के महत्व का एहसास होना चाहिये।
            अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ0मणि शंकर द्विवेदी ने कहा कि जीवन में लिए गये फैसले मूल्यों पर केंद्रित होना चाहिए।इसका सीधा परिणाम न केवल स्वयं को बल्कि परिवार, संगठन, समाज के साथ-साथ राष्ट्र को भी प्रभावित करता है।
         प्रधानाचार्य सुरिन्दर कौर ने अतिथियों का स्वागत किया।कार्यशाला का संचालन कोऑर्डिनेटर प्रियंका जायसवाल तथा आभार ज्ञापन सुमन ने किया।इस अवसर पर शालिनी जायसवाल, नीतू सिंह, संज्ञा पाण्डेय, तृप्ति जायसवाल, विनोद यादव, बृजलाल, नसीम अहमद आदि लोग उपस्थित रहे।

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