प्रयागराज ! करनाईपुर,बहरिया ब्लाक के अंतर्गत वन दरोगा की सह से दर्जनों गांव में हरे नीम आम महुआ के पेड़ों का कटान लकड़ कट्टों द्वारा बेरोक टोक के धड़ल्ले से किया जा रहा है। यदि किसी कटते हुए हरे पेड़ के विषय में वन दरोगा य रेंजर से फोन पर बात करने की कोशिश की जाती है। तो पहले तो उनका फोन ही नहीं उठता यदि उठता भी है। तो उनका सीधा सीधा कहना होता है। कि सभी हरे पेड़ परमिशन के द्वारा काटे जा रहे हैं। जबकि शासनादेश एवं हाई कोर्ट का अस्पष्टआदेश है। कि पांच प्रकार के पेड़ों जिनमें आम नीम महुआ बरगद पीपल आदि पेड़ों का कटान किसी भी कीमत पर ना किया जाए। फिर भी अधिकतर इन्हीं पेड़ों का कटान लकड़ कट्टों द्वारा बेरोक टोक के धड़ल्ले से किया जा रहा है। लकड़ कट्टों से बातचीत करने पर बताया गया कि हम लोग तो बन विभाग के दरोगा रेंजर को पैसा देकर ही हरे पेड़ों की कटान करते हैं व परमिशन लेते हैं। अभी हाल ताज में गांव सभा सोनबरसा में तीन नीम के हरे पेड़ व बगल के गांव दौलतपुर में चिलबिल का पेड़ कालूपुर बहरिया में दो नीम के हरे पेड़ लकड़ कट्टों द्वारा काटे गए। लेकिन वन विभाग के उच्च अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। अगर यही सिलसिला चलता रहा तो 1 दिन जितनी भी बाघ व बगीचे हरे भरे जगह-जगह दिखाई पड़ रहे हैं। वह विलुप्त हो जाएंगे। जिससे मानव जीवन व पर्यावरण तथा पशु पक्षियों को जीना मुहाल हो जाएगा। ऐसा ग्राम वासियों का कहना है।
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