इजरायल ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं। वहीं ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल दागने के बाद मीडिल ईस्ट में हालात और गंभीर हो गए हैं। इजरायल की तरफ से पलटवार की आशंका तेज हो गई है। पश्चिम एशिया मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कुछ दिन पहले एक बयान जारी कर गहरी चिंता व्यक्त की थी। हमने कहा कि हिंसा और स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है। हमने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान दोहराया था। हमारी राय में यह महत्वपूर्ण है कि यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अभी तक, इज़राइल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें चल रही हैं, इसलिए लोगों के पास विकल्प है कि वे चाहें तो निकल सकते हैं। परिवारों ने हमसे और हमारे दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन इस समय हमारे पास कोई निकासी प्रक्रिया नहीं चल रही है। लेबनान में हमारे लगभग 3,000 लोग हैं, जिनमें से ज़्यादातर बेरूत में हैं। ईरान में हमारे लगभग 10,000 लोग हैं, जिनमें से लगभग 5,000 छात्र हैं। इज़राइल में हमारे लगभग 30,000 लोग हैं जिनमें से ज़्यादातर कर्मचारी हैं।
इससे पहले 2 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में हालिया वृद्धि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। भारतीय नागरिकों को ईरान की सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। वर्तमान में ईरान में रहने वालों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और तेहरान में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें।