लखनऊ में गोलियों की तड़तड़ाहट, गैंगवार में पूर्व MLA सीपू सिंह की हत्‍या के गवाह अजीत को भूना; दो घायल

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार रात आजमगढ़ के पूर्व विधायक सीपू सिंह हत्‍याकांड के गवाह अजीत सिंह की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। चार दिन बाद विधायक हत्‍याकांड में इसकी गवाही होनी थी। ऐसे में पुलिस मामले को गैंगवार से जोड़कर देख रही है। मृतक अजीत मऊ के गोहना मोहम्‍मदाबाद ब्‍लॉक प्रमुख का प्रतिनिधि भी था। गोलीबार में अजीत का साथी मोहर सिंह और वहां से गुजर रहे ग्‍वारी गांव निवासी डिलिवरी ब्‍वॉय प्रकाश को गोली लगी, जिन्‍हें लोहिया अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक, हमलावर अजीत के परिचित थे। दोनों तरफ से गोलियां चली हैं। लगभग 25-30 राउंड फायरिंग हुई है। मृतक अजीत पर करीब 18 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस टीम हमलावरों की तलाश कर रही है।

बीच सड़क गैंगवार में गई अजीत की जान 

मामला विभूतिखंड में कठौता पुलिस चौकी के सामने कठौता चौराहे के पास का है। यहां काली स्कॉर्पियो गाड़ी से अजीत सिंह अपने साथी मोहर सिंह के साथ पहुंचे थे। दोनों गाड़ी से उतरकर थोड़ी दूर चले ही थे कि दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। जवाब में अजीत ने भी फायरिंग की। इस दौरान अजीत के सिर में गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मोहर सिंह और प्रकाश के पैर में गोली लगी और दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। अजीत मूलरूप से मोहना मोहम्मदाबाद, मऊ के रहने वाले थे और आजमगढ़ में हुई पूर्व विधायक सीपू सिंह की हत्या में गवाह थे। मोहर भी गोहना का रहने वाला है और अक्सर अजीत के साथ ही रहता था। मृतक अजीत बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी थे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि अजीत पर हत्या के पांच मुकदमे दर्ज हैं। अजीत के खिलाफ मऊ पुलिस ने 30 दिसंबर को जिलाबदर की कार्रवाई कराई थी। वह यहां गोमतीनगर विस्तार स्थित एक अपार्टमेंट में रह रहा था। अजीत ने अपनी एक करीबी महिला मनभावती देवी को गोहना मोहम्मदाबाद से ब्लॉक प्रमुख बनवाया था। पूर्व में अजीत की पत्नी रानू सिंह भी ब्लॉक प्रमुख रही हैं।

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