जिंदगी में दोस्ती और दोस्तों का होना जरुरी है। इनके होने से हमारी जिंदगी इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह खुशियों से भरी रहती है। कहा जाता है कि दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जो हमेशा एक जैसा रहता है। हालाँकि, सच्चाई इससे कोसो दूर है। अन्य रिश्तों की तरह दोस्ती के रिश्ते को भी देखभाल और समर्थन की जरुरत होती है। निरंतर देखभाल न की जाए तो दोस्ती का रिश्ता भी टूट जाता है। ये रोमांटिक रिश्ते के खत्म होने से भी ज्यादा बुरा हो सकता है। दोस्तों के साथ में हम अच्छा, बुरा और मनोरंजक समय बिताते हैं। इसीलिए दोस्ती टूटने पर हम बुरी तरह प्रभावित हो जाते हैं। हमें समझ नहीं आता कि आगे क्या करें? खुद को कैसे संभालें? आगे कैसे बढें?
अगर आप भी ऐसी किसी परिस्थिति से गुजरे हैं तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं है। अमेरिका के एक अध्ययन से पता चला है कि 86% टीनएजर्स ने दोस्ती टूटने का अनुभव किया है। इनके मुताबिक, रोमांटिक रिश्ते के टूटने पर जितना बुरा महसूस होता है, दोस्तों को खोना भी उतना ही कठिन अनुभव है।
एक व्यक्तिगत विकास समूह (Personal Development Group) के हालिया सत्र में, 20 और 30 साल के कई लोगों ने दोस्ती टूटने और दोस्तों के छूट जाने पर बातचीत की। सभी के अनुभव लगभग एक जैसे थे। सभी लोगों की दोस्ती लगभग एक जैसे कारणों की वजह से टूटी थी। लोगों ने बताया कि सब कुछ ठीक था, लेकिन फिर एक दिन दोस्त ने लंबा चौड़ा मैसेज भेजा और कहा कि वह दोस्ती से खुश नहीं हैं और आगे इसे बढ़ाना नहीं चाहते हैं।
दोस्तों के दोस्ती खत्म करने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी?
सभी लोगों ने एक जैसी प्रतिक्रिया दी। मैंने इसे आते हुए कैसे नहीं देखा? मेरा दोस्त इसे कैसे ख़त्म कर सकता है? इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं इतना निराश क्यों महसूस कर रहा हूँ, जबकि ऐसा नहीं है कि वे मेरे जीवन साथी या कुछ और हैं?’ एक अन्य ने कहा, ‘मैं इस बारे में कैसे बात कर सकता हूं कि यह कितना बुरा लगता है। लोग शायद सोचेंगे कि मैं जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया कर रहा हूं?’
दोस्ती में अहम भूमिका निभाता है लगाव?
किशोरावस्था के दौरान हम बदलावों से गुजरते हैं। हमारे साथ हमारे रिश्ते भी बदलते हैं। बचपन में हमारा रिश्ता माता-पिता के साथ होता है, जो देखभाल पर जुड़ा होता है। लेकिन किशोरावस्था में चीजें बदलती है और ये हमें भविष्य के लिए तैयार करती हैं। किशोरावस्था हमारे झुकाव को माता-पिता से हटाकर ऐसे लोगों की ओर स्थानांतरित कर देती है, जिनपर हम सबसे अधिक भरोसा करते हैं या फिर जिसके साथ अंतरंग संपर्क चाहते हैं जैसे रोमांटिक पार्टनर या सच्चा दोस्त। जहाँ रोमांटिक पार्टनर बदलते रहते हैं, वहीं दोस्त लंबे समय तक रह सकते हैं। इसलिए एक दोस्त के साथ के रिश्ते को अन्य किसी भी रिश्ते से मजबूत माना गया है।
सदमा और अस्वीकृति- एक्सपर्ट के अनुसार, यदि आपने इसे (दोस्ती टूटने) को आते हुए नहीं देखा तो यह विशेष रूप से भ्रामक हो सकता है। शोध से पता चलता है कि ज्यादातर लोग दोस्ती तोड़ देते हैं और इसके पीछे के मुद्दों पर बात करने की बजाय इन्हें टाल देते हैं। यह एक सदमे जैसा महसूस हो सकता है और इस बात को अस्वीकार्य करना परेशान कर सकता है। इससे आपका आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है।
दोस्ती ख़त्म होने के पीछे क्या कारण?
युवावस्था में दोस्ती खत्म होने के कई कारण होते हैं। इन कारणों में शारीरिक अलगाव होना, पुराने दोस्तों की जगह नए दोस्त बना जाना, दोस्त के प्रति नापसंदगी बढ़ना और डेटिंग या शादी के कारण हस्तक्षेप होना शामिल है। जब हम एक रोमांटिक रिश्ते में शामिल हो जाते हैं तब दोस्ती को कम समय देने लगते हैं। ऐसे में अगर आपका कोई दोस्त सिंगल है तो यकीनन उसके दिल में बुरे ख्याल आने लगेंगे। वह अकेला महसूस कर सकता है, उसे जलन हो सकती है या फिर वो डरा हुआ महसूस कर सकता है।
सहानुभूति और संचार मदद कर सकता है
दोस्ती का रिश्ता जीवन में हो रहे बदलावों की वजह से खत्म नहीं होना चाहिए न ही आपको इसे खत्म होने देना चाहिए। दोस्त जरुरी है क्योंकि हम हर बात अपने पार्टनर या परिवार से साझा नहीं कर सकते हैं। इसलिए अगर आपके जीवन के बदलाव आपकी दोस्ती को प्रभावित कर रहे हैं तो दोस्त के साथ बैठिये और उनसे बात कीजिये। बातें करने से मुद्दे साफ हो जाएंगे। बात करके, आप एक-दूसरे को दोस्ती के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में आश्वस्त भी कर सकते हैं। भले ही आपको एक साथ पहले जितना समय नहीं मिल रहा, लेकिन जितना मिल रहा है उसके हिसाब से एडजस्ट करने की कोशिश करें।