रेड जोन में होने के बावजूद उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल ने माह अप्रैल-2020 के दौरान 3.4 लाख टन माल लदान किया

कोरोना वायरस के प्रसार के आधार पर आगरा और मथुरा के रेड ज़ोन क्षेत्र होने के बावजूद, उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल ने बेहतर माल लदान और पार्सल लोडिंग प्रदर्शन किया है और माह अप्रैल -2020 में आगरा मंडल द्वारा अप्रैल 19 के कुल लदान 3.2  लाख टन से बढ़ कर 3.4 लाख टन हो गया, जो 6.25% का सुधार है। सतत प्रयास से अप्रैल -2020 में आगरा मंडल की माल भाड़ा आय में 34.5% की वृद्धि हुई। इसके अनुसार अप्रैल -19 में 36.14 करोड़ रुपये की आय की तुलना मे अप्रैल -20 में 48.61 करोड़ रुपये की आय हुई है । वर्तमान कठिन समय में आगरा मंडल का यह प्रदर्शन लॉकडाउन के दौरान देश के प्रत्येक हिस्से में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलकर्मियों के समर्पण और साहस का परिचायक है।

वर्तमान में चल रही लॉकडाउन अवधि के दौरान उत्तर मध्य रेलवे ने माल गाड़ियों और पार्सल ट्रेनों के संचालन में नई उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तर मध्य रेलवे में समयसारिणी बद्ध पार्सल ट्रेन संचालन 08.04.20 से प्रारंभ हुआ और तब से 06 दिनों यानी 10 , 15 , 18 , 29  और 30 अप्रैल को पार्सल ट्रेनों की शत पर्तिशत समयपालनता हासिल की, जबकि इस अवधि में समग्र समयपालनता 88% के उत्कृष्ट स्तर पर बनी रही। लॉकडाउन के दौरान पार्सल और मालगाड़ियों की औसत गति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उत्तर मध्य रेलवे में मालगाड़ियों की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे  से अधिक और पार्सल ट्रेनों की औसत गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे  तक हासिल की गई है। पहले के 23 किलोमीटर प्रति घंटे  से मालगाड़ी की औसत गति में 100% से अधिक सुधार के साथ, मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि के संबंध में उत्तर मध्य रेलवे सभी जोनल रेलवे में सबसे बेहतर है।

गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने दिनांक 01.05.20 से “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाने की घोषणा की है, जबकि नियमित यात्री सेवाएं अभी भी निलंबित हैं और  रेलवे बोर्ड से अगले दिशा- निर्देश मिलने के बाद ही फिर से शुरू की जाएंगी, तथापि यह अत्यावश्यक है  कि निर्देश मिलने पर कम समय में पर सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए यह व्यवस्था रहे। इसमें से महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है ख़ाली खड़े कोचिंग रेकों का उचित रखरखाव ,ताकि सेवाओं को फिर से प्रारंभ करने के समय कोई भी तकनीकी समस्या ना हो। उत्तर मध्य रेलवे ने पहले से ही प्रारंभिक  स्टेशनों पर कोचिंग रेक के लिए उचित रखरखाव प्रक्रिया शुरू  कर दी है। निर्धारित योजना के तहत सभी कोचिंग रेकों का साप्ताहिक तौर पर अनुरक्षण करने के साथ ही और वाशिंग लाइनों पर उनकी साफ-सफाई की जाती है, एवं आवधिक रखरखाव में किसी भी बैकलॉग से बचने के लिए कोच का अनुरक्षण आईओएच शेड में किया  जा रहा है। प्रयागराज, कानपुर, झाँसी, ग्वालियर और आगरा में कोचिंग डिपो द्वारा प्रतिदिन औसतन 05 रेकों का अनुरक्षण किया जा रहा है। अनुरक्षण के दौरान डिब्बों के रोलिंग गियर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि लॉकडाउन के दौरान कोचों के बहुत कम मूवमेंट(केवल शंटिंग इत्यादि) के कारण किसी भी समस्या से बचा जा सके ,डिब्बों की सफाई, बायो टॉयलेटों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वे क्रियाशील रहें और इनोकुलम का चार्ज ठीक बना रहे । कोचिंग रेक के रखरखाव के अलावा उत्तर मध्य रेलवे सक्रिय रूप से अन्य व्यवस्थाओं जैसे स्टेशनों पर सामाजिक दूरी के पालन, सुरक्षा संबंधी योजना आदि के विषय में तैयारी कर रही है, जिसे अंतिम रूप देकर यात्री ट्रेन सेवाओं के  औपचारिक प्रारंभ से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा।

Related posts

Leave a Comment