उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, प्रयागराज में राष्ट्र का 74 वाँ स्वतंत्रता दिवस भव्यता, उल्लास, उत्साह और उत्साह के साथ मनाया गया। उत्तर मध्य रेलवे में समारोह आयोजित करते समय कोविड -19 महामारी के प्रसार के दृष्टिगत, सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क, उचित स्वच्छता, सीमित मंडलियों, कमजोर व्यक्तियों की रक्षा, आदि जैसे निवारक उपायों एवं कोविड -19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने ध्वजारोहण से की। इस अवसर पर, महाप्रबंधक ने रेलवे सुरक्षा बल, भारत स्काउट और गाइड और सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड की परेड का निरीक्षण किया। महाप्रबंधक ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रेलवे कर्मियों को सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वालों में श्री प्रबल सिंह – हेल्पर, श्री सुरेन्द्र सिंह -चीफ कंट्रोलर / गुड्स, श्री शिव शंकर- कार्यालय अधिक्षक/परिचालन, श्री आलोक कुमार गुप्ता- लोको पायलट / गुड्स, श्री प्रशांत कुमार सिंह – एसएसई / सी एंड डब्ल्यू, प्रयागराज, श्री अजय रंजन सिंह – सीएमआई, प्रयागराज, श्री लाल जी वर्मा –एसएसई / सिग्नल / आरआरआई प्रयागराज, श्री राम बरन बिंद – पॉइंटमैन प्रयागराज, श्री हीरा लाल मीणा- ट्रैक मेंटेनर प्रयागराज, श्री राजेश कुमार अहिरवार – लोको पायलट / यात्री झाँसी, श्री महेश कुमार – पॉइंट मैन झाँसी, श्री अतुल पाठक – एसएसई / सी एंड डब्ल्यू झाँसी, श्री हंस राज मीना – सीनियर ऐस्टेंट लोको पायलट झांसी, श्री सी.बी सिंह – एस.एस.ई/ इलेक्ट्रिक झांसी, श्री छोटे लाल – ट्रैक मेंटेनर आगरा, श्री सुनील कुमार-फार्मासिस्ट आगरा, श्री नीरज – तकनीशियन- II आगरा, श्री अतुल आनंद-अस्सिटेंट/लोक पायलट आगरा, श्री बालेश्वर राम- सीनियर टेक्नीशियन सिथौली वर्कशॉप, श्री सुरेंद्र सिंह यादव एस.एस.ई/यांत्रिक/झांसी कार्यशाला शामिल रहे।
इस वर्ष उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय कार्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को वेब कास्ट के माध्यम से सभी रेल कर्मियों एवं अन्य लोगों तक पहुंचने के लिए तैयार किया गया था, जो कोविड -19 के कारण भाग नहीं ले सके। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय सूबेदारगंज में 09:00 बजे शुरू होने वाला स्वतंत्रता दिवस समारोह यू-ट्यूब लिंक www.youtube.com/CPRONCR और आधिकारिक फेसबुक पेज “North central railway” का उपयोग करते हुए ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया। उत्तर मध्य रेलवे के लगभग 60000 कर्मचारियों जिन्होंने वर्तमान संकट के दौरान अथक परिश्रम किया है, महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी के स्वतंत्रता दिवस संदेश को उनके मोबाइल नंबरों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा गया।
महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी और अध्यक्षा, उत्तर मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन, श्रीमती ललिता चौधरी ने हवा में तिरंगे गुब्बारे छोड़े। इस अवसर पर उत्तर मध्य रेलवे के ग्वालियर-श्योपुर कलां के बीच नैरोगेज लाइन पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री “छोटी रेल की बडी कहानी” भी महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी और अध्यक्षा उत्तर मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन श्रीमती ललिता चौधरी द्वारा जारी की गई। यह वृत्तचित्र YouTube पर अपलोड किया गया है और इसे https://youtu.be/OFv9Ruczu3w लिंक का उपयोग करके देखा जा सकता है। यह विरासत के महत्व के इस संकीर्ण गेज गहना को संरक्षित करने में मदद करेगा।
समारोह के दौरान, महाप्रबंधक ने हमारे महान राष्ट्र के 74 वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर उत्तर मध्य रेलवे के सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर महाप्रबंधक महोदय का संबोधन इस प्रकार है।
“उत्तर मध्य रेलवे रेल परिवार के मेरे साथियों,
अपने गौरवशाली राष्ट्र के चौहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस पर मैं उत्तर मध्य रेलवे के सभी रेलकर्मियों एवं उनके परिजनों को अपनी हार्दिक बधाई देता हूँ। स्वतंत्रता दिवस का यह पावन पर्व, वह अवसर है, जब हम अपने देश के उन वीर सपूतों का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं, जिनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पण के फलस्वरूप देश को सदियों की गुलामी और शोषण के दुष्चक्र से आजादी मिली और एक स्वतंत्र एवं संप्रभु भारत की आधारशिला रखी गई। आज का यह शुभ दिन कोरोना वायरस जैसे अदृश्य शत्रु की विभीषिका के बीच आया है, जिसको हराने के लिए देश ने निर्णायक जंग छेड़ रखी है। । यह पावन पर्व हमें अपने महान राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं देशभक्ति की भावना की प्रबल अनुभूति कराता है, साथ ही इस दिन हम अपने उन महापुरुषों का भी पुण्य स्मरण करते हैं, जिन्होंने अपने अथक संघर्ष द्वारा हमें सदियों पुरानी दासता की बेड़ियों से मुक्ति दिलाई। इस पावन अवसर पर हम अपने परमप्रिय राष्ट्र की आजादी के राष्ट्रीय आंदोलन के नायकों, शहीदों और महान देशभक्तों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज के दिन हम अपने पिछले कार्यनिष्पादन की समीक्षा भी करते हैं और भविष्य की योजनाओं का खाका भी तैयार करते हैं।
भारतीय रेल हमारे देश की प्रमुख परिवहन प्रणाली है और इसके एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में उत्तर मध्य रेलवे वर्ष 2003 में अपनी स्थापना के समय से ही राष्ट्र के विकास में पूरी क्षमता के साथ अपना योगदान दे रही है। कोविड-19 महामारी के इस मौजूदा दौर में भारतीय रेल ने जिस समग्र सोच और दृष्टिकोण के साथ अपनी भूमिका निभाई है, उससे यह एक बार फिर साबित हो गया है कि क्यों उसे राष्ट्र की जीवन रेखा होने का गौरव प्राप्त है। इस भयंकर महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व परिस्थितियों के बीच भारतीय रेल ने देश में न केवल आवश्यक सामग्रियों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है, बल्कि इस विषम स्थिति में असहाय और मुश्किल में फँसे प्रवासी श्रमिकों को भी उनके घर पहुँचाया है। उत्तर मध्य रेलवे परंपरागत तौर पर मालभाड़ा लदान वाली रेलवे नहीं है, फिर भी यात्री यातायात का परिचालन बंद होने के बावजूद राजस्व को बनाए रखने के लिए हमने मालभाड़ा लदान में वृद्धि के उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। हमारे इन प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान खाद्यान्नों के लदान में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 48% की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष की तुलना में खनिज तेल और कंटेनर लोडिंग से भी क्रमश: 28.34 करोड़ रुपए तथा 30.87 करोड़ रुपए का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। हमने वर्ष 2019-20 के निर्धारित लक्ष्य से 7% अधिक स्क्रैप बिक्री करते हुए कुल 224.48 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया।
उत्तर मध्य रेलवे ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न इन कठिन परिस्थितियों को अवसर में बदलकर आत्मनिर्भर भारत बनाने के माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान को एक संकल्प के रूप में अंगीकार किया है। इस परिप्रेक्ष्य में उत्तर मध्य रेलवे के वैगन मरम्मत कारखाना, झांसी और अन्य इकाइयों द्वारा अब तक 10000 यूनिट कवरऑल तैयार किए गए हैं, जो कोविड-19 के रोगियों के उपचार के दौरान हमारे डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों के पीपीई किट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। हम रेलवे के परिचालन और रखरखाव कार्यों में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों में मेक इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि ऐसी सामग्रियों के निर्माण और आपूर्ति में स्थानीय विक्रेताओं की हिस्सेदारी को बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत के मिशन को मजबूत बनाया जा सके। हम गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत प्रवासी तथा अन्य स्थानीय श्रमिकों को लगभग 65000 श्रमदिनों के बराबर रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं और इसके लिए उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर वाली परियोजनाओं और मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों में लगाया जा रहा है। स्वदेशी उद्योगों को बढावा देने और आत्मनिर्भर भारत के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे निरंतर सचेष्ट है और इस उद्देश्य से परंपरागत वस्तुओं के परिवहन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। साथ ही 2024 तक माल परिवहन की मात्रा दोगुनी करने के लिए हम नॉन बल्क सामग्रियों के परिवहन क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का भी पूरा प्रयास कर रहे हैं। इस उद्देश्य से हमने प्रधान कार्यालय और मंडल स्तर पर इस कार्य से जुड़े सभी संबंधित विभागों के प्राधिकारियों वाली मल्टी डिस्प्लिनरी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन किया है। मुझे प्रसन्नता है कि इन यूनिटों द्वारा व्यवसाय के कई नए अवसरों एवं क्षेत्रों पर विचार-विमर्श एवं विश्लेषण कर उनका परिवहन शुरु कर दिया गया है। माल गोदामों में लदान और ग्राहक सुविधाओं में सुधार के लिए अल्पकालिक परियोजना के अंतर्गत एक मिशन के तौर पर हमने 17 मालगोदामों का अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण किया है तथा अब इनमें दीर्घकालिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास कार्य किए जा रहे हैं।
परिचालन क्षमता की कमी से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु उत्तर मध्य रेलवे सदैव सचेष्ट रही है। हमने 60000 रेलकर्मियों की सशक्त टीम के सतत प्रयासों से आज के इस संकट काल की चुनौती को अवसर में बदलने का कार्य किया है। हमने अपने इन्हीं अथक प्रयासों के फलस्वरूप समयपालनता में 97% की उपलब्धि हासिल की है। जुलाई 2020 के दौरान हमने मालगाड़ियों को अब तक की सर्वाधिक 47 कि.मी. प्रति घंटा की औसत गति से चलाया है, जो पिछले वर्ष की औसत गति से दोगुनी है। परिसंपत्तियों के सर्वोत्तम अनुरक्षण तथा परिचालन कार्यों में अद्वितीय कुशलता के परिणामस्वरूप इस वर्ष अप्रैल से जुलाई, की अवधि के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में समयपालनता में 68% तथा मालगाड़ियों की औसत गति में 83% का उल्लेखनीय सुधार हुआ है। रेलपथ तथा अन्य परिसंपत्तियों का आवश्यक रखरखाव सुनिश्चित कर हमने गाजियाबाद-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. और पलवल-ललितपुर सेक्शनों की सेक्शनल गति को बढ़ाकर 130 कि.मी. प्रति घंटा कर दिया है। इसी तरह ललितपुर-बीना तथा मानिकपुर-लिंक जं. सेक्शनों की भी सेक्शनल गति को बढ़ाकर अब क्रमश: 120 कि.मी. प्रति घंटा तथा 110 कि.मी. प्रति घंटा कर दिया गया है। इससे इन सेक्शनों में गाड़ियों की गति में काफी वृद्धि हो जाएगी।
गाड़ियों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए हमने प्रयागराज मंडल के 2 स्थायी गति प्रतिबंधों पर गति में वृद्धि की है। कानपुर और गोविंदपुरी स्टेशनों की यार्ड रिमॉडलिंग के महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लिए गए हैं, जिससे अब वहाँ गाड़ियों का सुचारु और डिटेंशन रहित संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। प्रयागराज मंडल में दनकौर से मारीपत के बीच बाई डायरेक्शनल सिगनल प्रणाली के साथ साथ 11.84 कि.मी. सेक्शन में स्वचालित सिगनल प्रणाली चालू की गई है। गजिका स्टेशन के लूप लाइन के विद्युतीकरण का ओएचई कार्य पूरा कर लिया गया है और सरसोकी नामक नया क्रासिंग स्टेशन भी चालू किया गया है।
संरक्षा हमारा सर्वोपरि दायित्व है, इसलिए उत्तर मध्य रेलवे में सदैव ही ”संरक्षा पहले (सेफ्टी फर्स्ट)” के सिद्धांत पर ही कार्य किया जाता है। इस वर्ष हमने 12 समपारों को बंद किया है तथा 1 आरओबी एवं 1 आरयूबी का निर्माण कराया है। इसके साथ ही दो समपार फाटकों की इंटरलॉकिंग की गई है, 19 फाटकों पर स्लाइडिंग बूम लगाए गए हैं तथा 10 समपार फाटकों पर बिजली से चलने वाले लिफ्टिंग बैरियर लगाए गए हैं। केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण कार्यालय (सीटीसी) और टूंडला कंट्रोल रूम में इंटेलीजेंट फायर डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम लगाया गया है। अग्रणी एवं अभिनव पहल के तहत हमने प्रयागराज मंडल के दादरी स्टेशन पर हॉट एक्सल एवं हॉट व्हील डिटेक्शन प्रणाली तथा सरसौल एवं कंचौसी स्टेशनों पर ऑन लाइन रॉलिंग स्टॉक मॉनिटरिंग सिस्टम चालू किया है। समपार फाटकों पर संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नियमित रूप से संरक्षा समीक्षा, निरीक्षण आदि के कार्यों के अलावा हमारे संरक्षा विभाग द्वारा जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे रेल लाइनों को अनधिकृत रूप से पार करने की आम प्रवृत्ति पर रोकथाम लगाई जा सके।
कोविड-19 महामारी के दौरान अपने सम्मानित यात्रियों की सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती रही है। स्टेशनों एवं गाड़ियों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए हमने कई उपाय किए हैं और यात्रियों की संरक्षा और सुविधा के लिए न्यू नार्मल के तहत कार्य के तौर-तरीकों में व्यापक बदलाव भी किए हैं। यात्रियों को कोविड-19 से बचाव के प्रति जागरुक करने के अतिरिक्त हम प्रत्येक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग और उनके सामान को सेनिटाइज करना भी सुनिश्चित कर रहे हैं। हमने प्रयागराज जंक्शन में क्यूआर कोड आधारित संपर्क रहित टिकट जाँच प्रणाली की शुरुआत की है, जो कोविड के इस दौर के सर्वश्रेष्ठ अभिनव प्रयोगों में से एक है। इस प्रणाली को अब संपूर्ण देश में लागू किया जा रहा है। अपने श्रमिक भाइयों एवं बहनों तथा मुश्किल में फँसे अन्य व्यक्तियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा चलाई गई कुल 4617 श्रमिक ट्रेनों में से हमने 53% से अधिक ट्रेनों का परिचालन किया है। इसके साथ ही एक मिशन के रूप में 172 ओरिजिनेटिंग एवं 203 टर्मिनेटिंग श्रमिक स्पेशल गाड़ियों का संचालन कर 5 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया गया। इसके अलावा इन श्रमिक स्पेशल गाड़ियों में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को समय पर आवश्यक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराकर उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में 20 बच्चों की सुरक्षित डिलीवरी में मदद की गई। आम जनता की की माँग एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यात्री गाड़ियों का संचालन पुन: बहाल होने की तारीख से हावड़ा-ग्वालियर चंबल एक्सप्रेस को आगरा जंक्शन तक और इंदौर-खजुराहो एक्सप्रेस को एक ओर प्रयागराज जंक्शन तक तथा दूसरी ओर डॉ. अंबेडकर नगर स्टेशन तक बढ़ाया गया है। वर्ष 2020-21 के दौरान अघोरीखास और सरसोकी स्टेशनों पर दिव्यांग जनों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई। जोन के विभिन्न स्टेशनों पर अब तक 90 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इस सुविधा को कई अन्य स्टेशनों पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है तथा वहाँ 59 और मशीनें लगाई जा रही हैं।
अब तक 202 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, 04 और स्टेशनों पर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली लगाई गई है तथा 67 स्टेशनों में जन संबोधन प्रणाली को चालू किया गया है। विभिन्न महत्वपूर्ण स्टेशनों पर अब तक 30 स्वचालित सीढ़ियां और 21 लिफ्ट लगाई जा चुकी हैं। इस चालू वित्त वर्ष में 8 और स्वचालित सीढ़ी तथा 12 और लिफ्ट लगाई जाएंगी।
कोविड महामारी के विरुद्ध कोरोना योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन, समाज के प्रति हमारी प्रतिबद्धता एवं योगदान को भलीभाँति दर्शाता है। हमने टीम एनसीआर के रूप में पीएम केयर्स फंड में लगभग 7.32 करोड़ रुपए का अंशदान दिया और लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यालय और मंडलों में कोविड-19 से संबंधित स्वैछिक अंशदान निधि भी बनाई गई। रेल सुरक्षा बल, स्काउट एवं गाइड तथा विभिन्न विभागों के सामूहिक प्रयास से एक लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया तथा कुलियों, मुश्किल में फँसे संविदा कर्मियों, अन्य श्रमिकों तथा असहाय लोगों को राशन किट वितरित किया गया। हमने 130 कोचों को आइसोलेशन कोचों के रूप में परिवर्तित किया तथा कोविड के इलाज के लिए प्रयागराज और झांसी में 100-100 बेडों वाले लेवल वन कोविड चिकित्सा केंद्र बनाए हैं। इसके परिणामस्वरूप कोविड-19 पाजिटिव मरीजों के उपचार हेतु राज्य सरकार द्वारा बनाए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। इन दोनों केंद्रों में चिकित्सा कार्य प्रारंभ हो चुका है। हमने अपनी रेलवे में प्रयागराज के आईआरटीएमटीसी, कानपुर के विद्युत प्रशिक्षण केंद्र, कैंप प्रशिक्षण केंद्र और सीटा के हास्टलों तथा उप मंडलीय अस्पताल टूंडला और आगरा, झांसी, इटावा और अलीगढ़ में 650 से अधिक बेडों वाले क्वारंटाइन केंद्र बनाए हैं। लॉकडाउन के प्रारंभिक चरण में हमारे कोचिंग डिपो, कारखानों और अन्य इकाइयों द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के प्रभावी सुरक्षा उपाय के तौर पर कर्मचारियों हेतु सेनिटाइजर का उत्पादन किया गया और लगभग 2 लाख से अधिक फेस कवर बनाए गए। रोलिंग स्टाक की अनुरक्षण टीमों द्वारा श्रमिक स्पेशल और स्पेशल गाड़ियों की सेवाओं में लगाई जाने वाली रेकों का पूरी तरह से सेनिटाइजेशन और उसकी साफ-सफाई सुनिश्चित की गई है। साथ ही यात्रियों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन रेकों की संरक्षा संबंधी परीक्षण कार्यों को भी पूरी सावधानी से पूरा किया गया । इसी प्रकार लॉबी, कार्यालय, कंट्रेाल रूम, रनिंग रूम जैसे कर्मचारियों के सभी बड़े कार्य स्थलों को नियमित रूप से सेनिटाइज किया जा रहा है; साथ ही इंजनों, गार्ड के ब्रेकयानों और पावर कारों को भी नियमित रूप से सेनिटाइज किया जा रहा है।
हरित और स्वच्छ पर्यावरण के प्रति हमारा सतत दृढ़ संकल्प हमें प्राप्त हुई मान्यता और प्रमाणन में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। हाल ही में हमारे झांसी गुड्स शेड को ‘ग्रीन सर्टिफिकेशन’ हासिल हुआ है। चालू वित्त वर्ष के दौरान हमारे लोको पायलटों ने ट्रैक्शन बिजली रिजनरेट कर 10.80 करोड़ रुपए के राजस्व की बचत करने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। उत्तर मध्य रेलवे के सभी 16 एलएचबी रेकों को एचओजी में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे प्रतिवर्ष 75000 लीटर डीजल की बचत हो रही है और स्टेशन परिक्षेत्र के प्रदूषण में भी कमी आई है।
हमारे रेल सुरक्षा बल और वाणिज्य विभाग के कर्मचारी भी स्टेशनों पर साफ-सफाई और स्वछता बनाए रखने में सहयोग प्रदान कर रहे हैं और उनके द्वारा स्टेशन परिसर में गंदगी फैलाने वाले 1269 व्यक्तियों पर 3,31,570 रुपए का जुर्माना लगाया गया। वर्ष 2020 के दौरान रेल सुरक्षा बल द्वारा 132 अनधिकृत टिकट एजेंटों और अलार्म चेन पुलिंग करने वाले लगभग 1500 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त सुरक्षा हेल्प लाइन नंबर 182 पर प्राप्त संकट या समस्याग्रस्त यात्रियों के 782 कालों पर उन्हें त्वरित सहायता प्रदान की गई। रेल सुरक्षा बल ने 300 से अधिक भूले-भटके बच्चों को सुरक्षित बचाया और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया। रेल सुरक्षा बल द्वारा गाड़ियों में मादक पदार्थों तथा प्रतिबंधित सामानों को ले जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई और इस क्रम में तस्करी की गतिविधियों में संलिप्त 13 व्यक्तियों को 11,80,680 रुपए मूल्य की अवैध सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया।
सुधार एक सतत प्रक्रिया है और इस सुधार प्रक्रिया में सतर्क प्रबंधन के साथ-साथ तकनीकी साधनों का प्रयोग अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमने मुख्यालय के साथ-साथ उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में ई-आफिस का कार्यान्वयन शुरू किया है, इससे हमारी निर्णय प्रक्रिया में सुधार हुआ है तथा कार्यनिष्पादन की प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आई है। e-DAS के कार्यान्वयन से ड्राइंगों को अंतिम रूप देने और तद्नुसार निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आई है।
हमारे सतर्कता विभाग द्वारा अनुचित कार्यप्रणाली पर न केवल अंकुश लगाया जा रहा है, बल्कि इस संदर्भ में अपेक्षित सुधार के तौर-तरीकों के बारे में सुझाव एवं परामर्श भी दिया जा रहा है। वर्तमान वर्ष के दौरान सतर्कता विभाग द्वारा इन-ट्रांजिट भंडार सामग्रियों तथा डिपो में उपयोग की गई सामग्रियों का समुचित लेखा-जोखा रखने, स्वचालित सीढ़ियों और लिफ्टों आदि के वार्षिक अनुरक्षण ठेकों संबंधी कार्यों के समुचित रिकार्ड से लेकर उत्तर मध्य रेलवे में ड्यूटी पर बुक किए गए कर्मचारियों के समुचित रजिस्टर तथा गैर-रेलवे रोगियों के उपचार से संबंधित बिल आदि तक के विषयों के संबंध में 4 प्रणालीगत सुधार निर्देश जारी किए गए हैं।
अपने दायित्वों के प्रति समर्पित कर्मचारी हमारे लिए अमूल्य निधि होते हैं। उनके कल्याण और हितों की देख-रेख हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। प्रोजेक्ट सक्षम-II के तहत लगभग 62000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। हमारे जोन के 57000 से अधिक कर्मचारियों को UMID पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। इस वर्ष लगभग 1800 कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है और निराकरण सेल में प्राप्त 231 शिकायतों का निराकण किया गया। सेवारत कर्मचारियों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के अतिरिक्त इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के बीच सेवानिवृत्त लगभग 1000 कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति पर देय राशि का इलेक्ट्रानिक माध्यम से अथवा विशेष मैंसेजेर के द्वारा भुगतान किया गया। लॉकडाउन अवधि में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय उनका समापन भुगतान और अन्य दस्तावेज इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा प्रदान किए गए। लॉकडाउन के दौरान विद्युत प्रशिक्षण केंद्र, कानपुर और डीजल प्रशिक्षण केंद्र, झांसी द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुरक्षित और कुशल गाड़ी संचालन के बारे में कर्मियों को अपडेट रखने के लिए 1000 से अधिक कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। प्रयागराज छिवकी में अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं वाला एक नया सिगनलिंग प्रशिक्षण केंद्र भी खोला गया। अपने कर्मचारियों के उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं को उन्नत बनाया है। लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर परामर्श के लिए सभी अस्पतालों में टेली-मेडिसिन प्रणाली शुरू की गई है। कोविड-19 लेवल वन के दो अस्पतालों के संचालन के अलावा 10,000 से अधिक रेल कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की स्क्रीनिंग के लिए 5 अलग क्लीनिक भी संचालित किए गए हैं, ताकि अपने कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाया जा सके। हमारे अस्पताल मल्टी पैरा मॉनीटर, एबीजी मशीन, डिजिटल एक्स-रे प्रणाली तथा वेंटीलेटर जैसे आधुनिक उपकरणों से लैस हैं। केंद्रीय अस्पताल, प्रयागराज में कोविड-19 से संबंधित रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर परीक्षण भी शुरू किया गया है।
उत्तर मध्य रेलवे के खिलाड़ी और सांस्कृतिक टीम के कलाकार अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सदैव देश का गौरव बढ़ाते रहे हैं। इस अवसर पर मैं अपने खिलाड़ियों, विशेष रूप से अपने जिम्नास्टों को व्यक्तिगत स्तर पर कई उत्कृष्ट उपलब्धियों के अलावा आगरा में आयोजित अखिल भारतीय रेलवे जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में ओवरऑल चैंपियनशिप जीतने के लिए बधाई देता हूँ। हमारी रेलवे में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के लिए हमारा राजभाषा विभाग उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। हमारी मान्यता प्राप्त यूनियनें दूर-दराज के स्टेशनों और कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों तथा मंडल एवं जोन के प्रबंधन तंत्र के बीच एक सेतु की तरह निरंतर सकारात्मक भूमिका निभा रही हैं। प्रसन्नता का विषय है कि यूनियनों के सहयोग से उत्तर मध्य रेलवे में कामकाज का शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण बना है, जिसके कारण ही हम इन उपलब्धियों को हासिल कर सके हैं, इसके लिए मैं अपनी मान्यता प्राप्त यूनियनों, संघों एवं संगठनों को हार्दिक बधाई देता हूँ।
श्रमिक स्पेशल गाड़ियों के संचालन और अन्य विभिन्न अवसरों पर रेल प्रशासन को सदैव ही अपनी नि:स्वार्थ सेवा प्रदान करने के लिए मैं स्काउट एवं गाइड तथा सिविल डिफेंस की टीमों को बधाई देता हूँ। कोविड-19 महामारी जैसी परिस्थिति तथा अन्य अवसरों पर अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंद रेल कर्मियों और उनके परिवार की सहायता में सराहनीय योगदान देने के लिए उत्तर मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन को भी मैं हार्दिक बधाई देता हूँ।
मैं एक बार पुन: आप सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ और अनुरोध करता हूँ कि आज के इस पावन अवसर पर रेलवे की प्रगति के लिए हम सभी अपने आपको पुन: समर्पित करें, जिससे राष्ट्र की प्रगति की संवाहक भारतीय रेल भारत के नागरिकों के प्रति अपने दायित्वों का सतत निर्वहन करती रहे।”