-कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन में विधवा माताओं का जाना हालचाल
-आश्रम में करीब एक घंटा, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में 40 मिनट रूके महामहिम
मथुरा। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को गोविंद की नगरी वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में पूजा अर्चन किया। मंदिर परिसर में महामहिम करीब 40 मिनट रूके। इसके बाद नगला रामपाल स्थित कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन पहुंचे। यहां रहने वाली माताओं ने तिलक लगाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति आश्रय सदन में करीब एक घंटे तक रहे। इस दौरान उन्होंने माताओं से संवाद किया। राष्ट्रपति ने कृष्णा कुटीर में माताओं द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को भी देखा।
यहां राष्ट्रपति ने विधवा माताओं से बात की। सुबह करीब 9 बजकर 45 मिनट पर कृष्णा कुटीर के समीप बनाए गए हेलीपैड पर राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर उतरा। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश सरकार में केंद्रीय मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, महापौर डा.मुकेश आर्य बंधु आदि ने ने महामहिम का स्वागत किया। यहां से गोल्फ कार्ट गाड़ी में बैठ कर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित सभी का मंदिर के मुख्य द्वार पर चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन की रमा तिवारी, शिवानी मंडल, पार्वती मिस्त्री, राधा रानी दास और राधा विश्वास ने सदन की अधीक्षिका का प्रियंका सिंह के नेतृत्व में पुष्प मालाएं भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने इन्हीं माताओं के साथ ठाकुर जी के दर्शनार्थ मंदिर में प्रवेश किया। जगमोहन में सजाए गए भव्य फूल बंगले में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी के समक्ष मत्था टेकते हुए उन्होंने देश में सुख- शान्ति की कामना की। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूर्ण भक्ति भाव में दिखे। राष्ट्रपति के स्वागत को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में खास इंतजाम किए गए। मंदिरों को फूलों से सजाया गया। राष्ट्रपति के मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही वेद मंत्रोच्चारण के मध्य स्वागत किया गया। इसके बाद गर्भगृह के सामने वीआईपी गैलरी में महामहिम पहुंचे। पूजन में राष्ट्रपति जन जन के आराध्य ठाकुर श्री बांके बिहारी को इत्र, गुलाब, फल एवं मिठाई निवेदित की। ठाकुरजी देशी विदेशी फूलों की छांव में विराजमान होकर दर्शन दिए। राष्ट्रपति काफी देर तक ठाकुर बांके बिहारी की मनोहरी छवि निहारते रहे। वहीं मंदिर के सेवायत गुंजन गोस्वामी व शैलेंद्र गोस्वामी ने उन्हें ठाकुर बांके बिहारी महाराज की प्रसादी डलिया भेंट की। नितिन सावरिया ने महामहिम को बांके बिहारी लाल की प्रसाद स्वरूप चरण पादुका भेंट की। प्रणब गोस्वामी ने उन्हें ठाकुर बांके बिहारी की महिमा से अवगत कराया। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान दूसरी बार महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को ठाकुर बांके बिहारी की शरण में पहुंचे थे। तय कार्यक्रम के करीब 45 मिनट बाद महामहिम हेलीपैड से रवाना हो गए। यहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन्हें विदाई दी।
वृद्ध माताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया संवाद
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृष्णा कुटीर में निवास कर रही वृद्ध माताओं के साथ संवाद करते हुए कहा कि जो भी भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में निवास कर रहे वह एक तरह से स्वर्ग में निवास कर रहे है। उन्होंने कहा बांके बिहारी लाल के दर्शन और वृंदावन में भ्रमण करने का उन्हें जो मौका प्राप्त हुआ है। वह उन्हें सदैव स्मरण रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कृष्णा कुटीर में निवास कर रही वृद्ध माताओं ने जिस तरह से उपयोग में ना आने वाली वस्तुओं से सामान तैयार किया है। वह बहुत ही अनोखा है। वहीं कृष्णा कुटीर में निवास करने वाली वृद्ध माताओं के साथ हरे राम हरे कृष्ण का भजन भी दोहराया। वही संवाद के दौरान बांके बिहारी मंदिर की विशेषता के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बांके बिहारी लाल की छवि बड़ी मनमोहक छवि है। मन करता है कि बस ठाकुर जी की मनमोहक छवि को निहारते ही रहो।
जब कीकी नगला के ग्रामीणों के बीच पहुंच गए महामहिम
ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन कर लौटते समय कीकी नगला के समीप राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने काफिले को रुकवाया और गाड़ी से उतर गए। ग्रामीणों का राष्ट्रपति ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गाड़ी से उतरते ही साथ चल रहे प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। वहीं साथ ही गांव वासियों ने खुश होकर जय हो जय हो के नारे लगाए। वही इस सब प्रकरण का वीडियो ग्रामीणों के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
7 एसपी और 12 एसएसपी महामहिम की सुरक्षा में रहे तैनात
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। महामहिम की सुरक्षा में 7 एसपी, 12 एसएसपी, 20 सीओ, 40 इंस्पेक्टर, 120 महिला व पुरुष एएसआई, 600 सिपाहियों के साथ च्।ब् की 5 कंपनी तैनात रही। वहीं, खुफिया विभाग एलआईयू, आईबी, मिलेट्री इंटेलिजेंस के लोग भी हर गतिविधि पर नजर रखे रहे।
बंदरों के आतंक से बचने को की लंगूर बंदरों की सुविधा
बंदरों के हमले को रोकने के लिए मथुरा प्रशासन ने लंगूर बंदरों को बिहारी जी मंदिर के आसपास तैनात कर दिया गया। वही कुछ पुलिस के जवानों को भी डंडे लेकर गली और छतों पर तैनात किया गया। वृंदावन के बंदरों का आतंक किसी से छुपा नहीं है। मंदिर के इर्द-गिर्द रहने वाले बंदर यात्रियों के चश्में, पर्स व फोन को छीन ले जाते हैं।