महाकुंभ नगर । कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करना प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है, क्योंकि धर्म ही जीवन का आधार है। लेकिन आज की विडंबना यह है कि बहुत से सनातनी भी भगवान श्रीराम को नहीं मानते। यह अज्ञानता और पश्चिमी प्रभाव का परिणाम है।
कुंभ मेले में हुई भगदड़ की घटना से मन अत्यंत आहत है। हमारी सभी भक्तों से विनम्र अपील है कि संयम बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। जहाँ हैं, वहीं के घाटों पर स्नान करें और अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें । हम प्रशासन की तत्परता और प्रयासों की सराहना करते हैं, जिन्होंने स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित कर लिया।
राम जी को पाने का सर्वोत्तम साधन सत्संग है। जब हम संतों के सान्निध्य में रहते हैं और धर्मग्रंथों का अध्ययन करते हैं, तो हमारी बुद्धि शुद्ध होती है और हमें भगवान राम की महिमा का सच्चा बोध होता है।
राम के बिना ब्रह्मांड की कल्पना नहीं की जा सकती। राम ही इस सृष्टि का आधार हैं। यदि कोई राम को नहीं मानता, तो उसका जीवन व्यर्थ है, क्योंकि भगवान राम ही जीवन का सार हैं।
जो कथा में विघ्न डालते हैं, वे वास्तव में राक्षस स्वरूप होते हैं। कथा सुनते समय श्रद्धा और भक्ति का भाव होना चाहिए। जो कथा की निंदा करता है, वह अपने पतन को आमंत्रित करता है, क्योंकि कथा से विमुख होना ही आध्यात्मिक पतन की शुरुआत है।
पाश्चात्य संस्कृति से सनातन धर्म को हानि हो रही है। आधुनिक समाज में पाश्चात्य प्रभाव बढ़ने से लोग अपनी जड़ों को भूलते जा रहे हैं। हमें अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा करनी चाहिए और विदेशी प्रभावों से बचना चाहिए।
हमारे महापुरुषों पर फिल्में बननी चाहिए ताकि नई पीढ़ी उनके जीवन से प्रेरणा ले सके। आज की फिल्में अक्सर भटकाव पैदा करती हैं, लेकिन यदि हमारे इतिहास और संस्कृति पर अच्छी फिल्में बनाई जाएं, तो लोग अपनी महान परंपराओं से जुड़ सकेंगे और सनातन धर्म का गौरव पुनः स्थापित होगा।
महाकुंभ में पूज्य महाराज श्री दिव्य कथाओं के माध्यम से हमें धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता का गहरा बोध कराएंगे।
कथाएं इस प्रकार हैं:
* श्री राम कथा – 28 जनवरी से 5 फरवरी 2025 तक
* 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं श्री शिवमहापुराण कथा – 6 फरवरी से 12 फरवरी 2025 तक
स्थान: शान्ति सेवा शिविर, सेक्टर 17, संगम लोअर मार्ग, नागवासुकी चौराहा (पश्चिमी पटरी), महाकुंभ मेला, प्रयागराज।