राजयोगी ब्रह्माकुमार डॉ. सूर्य भाई अपने दिव्य उद्बोधन से प्रेरित कर सभी का उत्साहवर्धन किया

महाकुंभ नगर । ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा मनोरमा दीदी के नेतृत्व में लगाए गए स्वर्णिम भारत ‘ज्ञानकुम्भ’ मेले में आज माउण्ट आबू से पधारे समाधान विशेषज्ञ वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता *राजयोगी ब्रह्माकुमार डॉ. सूर्य भाई* ने कहा कि प्रयागराज में नदियों के संगम का महाकुम्भ है और वर्तमान कलियुग अंत और सतयुग आदि के समय इस पुरूषोत्तम संगमयुग में स्वयं भगवान हमारे हर कार्य में साथी व सहयोगी बनने के लिए सदा तैयार रहते हैं। हम सभी कर्म करते हुए मदद प्राप्त करने के लिए भगवान को अधिकार से बुलाएं।
 उन्होंने कहा कि इस समय परमात्मा की मदद के बहुत अनुभव हो रहे हैं। भगवान हमारे परमपिता हैं अर्थात् हमारे अपने हैं, अपनों की मदद की जाती है और परमात्मा तो सागर हैं वो सदा तैयार हैं हमें मदद करने के लिए, आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि हम उनसे अपना संबंध जोड़ें और अपने कार्य में सहयोगी बनाकर लाभ उठाएं।
आगे उन्होंने कहा कि अपने को खुशी में रखें कि हमने बहुत पुण्य किये हैं, सच्चे दिल की भक्ति की है तब प्रभु मिलन हुआ है। अब वो हमारे हैं और हमारे लिए ही हैं – यह बात अपने चित्त में समा लें। अपने भाग्य का गुणगान करें कि हम प्रभु पालना में पल रहे हैं। जाहिर सी बात है कि किसी मनुष्य की पालना और ईश्वरीय पालना में बहुत अंतर होगी ही।
 *माउण्ट आबू से ही आयीं प्रेरक वक्ता ब्र.कु. गीता दीदी* ने ईश्वरीय सेवाधारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं जो महाकुम्भ में ईश्वरीय सेवाओं के लिए भगवान ने हमें चुना। सेवा हमें शक्ति व सुरक्षा प्रदान करती है व जीवन में सफलता का मार्ग खोलती है।
 *पीस ऑफ माइण्ड चैनल के एंकर ब्र.कु. रूपेश भाई* ने कहा कि हमारा चलन, चेहरा व मुस्कुराहट ऐसे
हों जो सभी को परमात्म मिलन के लिए प्रेरित करें।
कार्यक्रम के अंत में ब्र.कु. सूर्य भाई जी ने सभी साधकों को अपने कर कमलों से भोग वितरित किया। इस अवसर पर ब्र.कु. मनोरमा दीदी, लखनऊ की ब्र.कु. राधा दीदी, अन्य वरिष्ठ सदस्य एवं बड़ी संख्या में साधकजन उपस्थित रहे।

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