क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेखिका कृष्णा सक्सेना की लिखी पुस्तक अ बुके ऑफ फ्लॉवर का शनिवार को यहां अपने आवास पर विमोचन किया। सक्सेना की नौवीं पुस्तक अ बुके ऑफ फ्लॉवर में समाज के भीतरी कामकाज के अनछुए तौर-तरीकों विशेषकर बदलते मूल्यों और संस्कृति का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में उन्होंने समकालीन समाज की शक्तियों और कमजोरियों को बारीकी से प्रदर्शित किया है। अंग्रेजी की सेवानिवृत प्राध्यापक सक्सेना (92) 1955 में लखनऊ से पीएचडी करने वाली पहली महिला थीं। सिंह ने पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा, हम अकसर सुना करते थे कि पढ़ने-लिखने की कोई आयुसीमा नहीं होती और अगर इस कथन को किसी ने सही साबित किया है तो वह डॉक्टर कृष्णा सक्सेना हैं। डॉक्टर सक्सेना ने अपनी किताब लिखकर यह साबित कर दिया है कि उम्र महज एक संख्या है। मैं पूरी ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि इनकी पुस्तक में कोई व्यक्ति तीन पीढ़ियों द्वारा अपनाए गए ऐसे मूल्यों से रूबरू हो सकता है, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
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