राजधानी मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से संबंधित कार्यों की समीक्षा की

दिनांक 22.09.20 को, महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज, झांसी और आगरा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर मध्य रेलवे पर संरक्षा, माल लदान और नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली मुंबई मुख्य मार्गों पर 160Kmph की गति से संबंधित कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की समीक्षा कि।

ट्रेन परिचालन में संरक्षा की समीक्षा की गई। लोको पायलटों और गार्डों द्वारा वे साईड स्टेशनों पर मालगाडियों की कि जाने वाली संरक्षा जांच को जी.डी.आर के नाम से जाना जाता है, यह मालगाड़ियों की अंडरगेयर फिटिंग, दरवाजों का ठीक से बंद  होना, वैगन से किसी भी ढीली या लटकती वस्तु के न होने और उचित ब्रेक पावर होने आदि की जांच द्वारा ट्रेन के संरक्षायुक्त  और सुचारू संचालन के क्रम में एक महत्वपूर्ण में प्रक्रिया है। प्रत्येक GDR जाँच के बाद चालक दल द्वारा संयुक्त रूप से इस सम्बंध में प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक चालक लॉबी द्वारा एक अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत प्रत्येक साइन-ऑन और साइन-ऑफ के दौरान चालक दल को जीडीआर चेक के महत्व को बताया जायेगा और इस महत्वपूर्ण संरक्षा निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तुत जीडीआर रिपोर्ट को निरीक्षकों और अधिकारियों द्वारा जांचा  जाएगा। अधिकतर कोचिंग ट्रेनों के LHB  में परिवर्तन के साथ ही यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि चालक दल और स्टेशन के कर्मचारियों को एलएचबी कोच के संदर्भ में मूलभूत जानकारियों सहित कोच को अलग करने सम्बंधी प्रशिक्षण दिय जाये। महाप्रबंधक ने निर्देश किया कि स्टेशन स्टाफ और चालक दल को इस पर नियमित प्रशिक्षण देना सुनिश्चित किया जाए।

उत्तर मध्य रेलवे की दुर्घटना राहत गाड़ियों को मुख्यालय एवं मण्डल नियंत्रण कक्षों से किसी ब्रेकडाउन, दुर्घटना आदि की स्थिति में राहत और रेस्टोरेशन उपायों की निगरानी के लिए वी-सैट आधारित लाइव वीडियो ट्रांसमिशन सिस्टम से लैस किया गया है।प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ सेलुलर नेटवर्क का उपयोग करके मोबाइल उपकरणों के माध्यम से लाइव वीडियो प्रसारण के लिए वर्तमान में कई विकल्प उपलब्ध हैं। महाप्रबंधक, श्री राजीव चौधरी ने सेलुलर नेटवर्क का उपयोग करके मोबाइल डिवाइस के माध्यम से नियंत्रणकक्ष से विभिन्न साइटों की लाइव निगरानी के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को तलाश करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय के आईटी सेल और प्रयागराज मण्डल को निर्देशित किया। उत्तर मध्य रेलवे के सभी हिस्सों से तेज और निर्बाध लाइव ट्रांसमिशन के लिए मजबूत नेटवर्क  और विभिन्न रेलवे एप्लीकेशंस के लिए एक उपयुक्त उपकरण की आवश्यकता है। इन स्वतंत्र टीमों द्वारा सुझाए गए सर्वश्रेष्ठ अनुकूल विकल्प को पूरे उत्तर मध्य रेलवे में समान रूप से अपनाया जाएगा। ब्रेकडाउन, दुर्घटनाओं आदि के अतिरिक्त, यह प्रणाली उत्तर मध्य रेलवे पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों की निगरानी में भी बहुत मदद करेगी और बेहतर संसाधन और पूर्वानुमान में भी सहायक सिद्ध होगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई मुख्य मार्गों पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की गई। ट्रैक के उन्नयन से संबंधित कार्यों जैसे ट्रैक को 160 किलोमीटर प्रति घंटे पर परिचालन के लिए फिट बनाने के दृष्ट्गत थिक वेब स्विच का प्रावधान प्रारम्भ कर दिया गया है और अब तक 15 थिक वेब स्विच लगाये जा चुके हैं। महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी ने जोर देकर कहा कि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से संबंधित सभी कार्यों, विशेष रूप से ट्रैफिक ब्लॉक की आवश्यकता वाले कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए। रूट किलोमीटर और यातायात में सर्वोत्तम हिस्सेदारी के साथ, उत्तर मध्य रेलवे को वित्त वर्ष 2023-24 तक पूरा करने के लिए लक्षित नई दिल्ली-हावड़ा खंड के लिए समन्वय भूमिका सौंपी गई है।

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