रसोईघर में भूलकर भी उल्टे नहीं रखने चाहिए ये दो बर्तन

वास्तु शास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया है। यदि इन बातों को अपनाया जाए, तो व्यक्ति कई समस्याओं से बच सकता है। वास्तु जानकारों के मुताबिक वास्तुशास्त्र में रसोईघर यानी किचन के बारे में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया है। जिसे यदि जाने-अंजाने नजरअंदाज कर दिया जाए, तो व्यक्ति को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में वास्तुशास्त्र में बताई गई बातों का पालन कर कुछ समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, किचन को लेकर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे बहुत सारे लोग किचन में कुछ बर्तनों को उल्टा रख देते हैं। ऐसे में बर्तनों को उल्टा रखना कंगाली का कारण बन सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि रसोई में किन दो बर्तनों को उल्टा रखने से बचना चाहिए।

तवा न रखें उल्टा

वास्तु शास्त्र में किचन संबंधी ऐसे नियम बताए गए हैं, जो व्यक्ति को आने वाली परेशानियों से बचा सकते हैं। किचन में रोटी बनाने के बाद कभी भी तवा को उल्टा नहीं रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने पर व्यक्ति को आर्थिक संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप पर कर्ज बढ़ सकता है और कंगाली का सामना करना पड़ सकता है।

कड़ाही न रखें उल्टा

किचन में तवे के अलावा कड़ाही को भी कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए। क्योंकि यदि आप अंजाने में भी कड़ाही को उल्टा रखते हैं, तो व्यक्ति को घर में नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है।

झूठे बर्तन

वास्तु शास्त्र के मुताबिक कभी भी किचन में झूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं। वहीं तवा और कड़ाही का इस्तेमाल करने के बाद इसको हमेशा धोकर रखना चाहिए। क्योंकि तवा और कड़ाही को गंदा छोड़ने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और दरिद्रता का वास होता है।

किस दिशा में रखें बर्तन

किचन में यदि तांबे, कांसे, स्टील और पीतल के बर्तन हैं। ऐसे में किचन में इन बर्तनों को हमेशा पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। पश्चिम दिशा बर्तन रखने के लिए उत्तम मानी जाती है।

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