योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया ने किया करार

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता देने के लिए एक ढांचा तंत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को अब ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई और काम के लिए दिक्कत नहीं आएगी। दोनों देशों ने 12 संस्थागत एमओयू किए हैं।

इन देशों की यूनिवर्सिटी संयुक्त या दोहरी डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करा सकेंगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के बीच बृहस्पतिवार को द्विपक्षीय बैठक के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता पिछले साल 21 मार्च को द्वितीय भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। सम्मेलन में दोनों नेताओं ने योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता के लिए एक संयुक्त कार्यबल बनाने पर सहमति जताई थी। इसमें शिक्षा और कौशल मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी तथा दोनों पक्षों के नियामक शामिल थे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी और भारतीय यूनिवर्सिटी के बीच और अधिक पीएचडी अनुसंधान को एक साथ वित्तपोषित करने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

ऑस्ट्रेलिया करेगा 18.2 लाख डॉलर का निवेश : समझौतों पर प्रधान ने कहा कि दोनों देश शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्र में गठजोड़ मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 18.2 लाख डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। यह राशि कोर्स व प्रशिक्षण पर खर्च की जाएगी। यह कृषि क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के सहयोग को आगे बढ़ाएगा।

Related posts

Leave a Comment