सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवान्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि सरसों की फसल में सफेद गेरूई रोग का प्रकोप होने पर मैंकोजेब 75 डब्लूपी. 2.0 किलोग्राम दवा को 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। चना में फलीछेदक कीट के नियंत्रण हेतु मोनोक्रोटोफाॅस 36 ई.सी. 750 मिलीलीटर दवा को 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। गन्ने की बुवाई का सही समय मध्य फरवरी का है बुवाई करें। बुवाई के लिए निम्न किस्में कोशा 8436, कोशा 88230, कोशा-95436 किस्में अच्छी हैं। मूली, गाजर, शलजम, बीजवाली फसल में 50 किलोग्राम, यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। तथा हल्की सिंचाई करें। भिण्डी, लोबिया, राजमा की बुवाई करें। बुवाई से पहले 75 किलोग्राम नत्रजन, 60 किग्रा फासफोरस तथा 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें। अमरूद एवं आँवला के नये बाग में अन्तरासस्य के रूप में टमाटर, भिण्डी, मिर्च व लोबिया की बुवाई करें। बैंगन की रोपाई के लिए यह समय उत्तम है रोपाई करें।
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